बीएनपी न्यूज डेस्क। Indian Citizen Migration गत तीन वर्षों में 3.92 लाख भारतीयाें ने देश की नागरिकता छाेड़ दी। इनमें सबसे ज्यादा 1 लाख 70 हजार 795 लोगों ने अमेरिका की नागरिकता ली। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने विदेश मंत्रालय के आंकड़ाें के हवाले से लाेकसभा में यह जानकारी दी। इसके मुताबिक इन भारतीयों ने 120 देशों की नागरिकता ली है।
ये भारतीय कहां जा रहे हैं और क्यों जा रहे हैं, यह समझने से पहले यह जानना जरूरी है कि भारत अपने नागरिकों को दोहरी नागरिकता का विकल्प नहीं देता। दूसरे देशों में नागरिकता हासिल करने के इच्छुक लोगों को भारत की नागरिकता छोड़नी होती है।
संसद का मानसून सत्र चल रहा है, इस सत्र के दौरान गृह मंत्रालय ने भारत की नागरिकता छोड़ने वाले लोगों का एक आंकड़ा जारी किया है। इस आंकड़े को देखकर आप हैरान हो जाएंगे। संसद में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि हर वर्ष औसतन डेढ़ लाख लोग भारत की नागरिकता छोड़ रहे हैं।
मंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि साल 2021 में 1,63,370 लोगों ने भारतीय नागरिकता छोड़ी। जबकि, साल 2020 में 85,256 लोगों ने और साल 2019 में 1,44,017 लोगों ने भारत की नागरिकता छोड़ दी। तुलनात्मक दृष्टिकोण से देखें तो साल 2020 के मुकाबले साल 2021 में लगभग दोगुने लोगों ने भारत की नागरिकता छोड़कर विदेशी नागरिकता ले ली।
Indian Citizen Migration सवाल उठता है कि आखिरकार जो भारत भविष्य में विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर है, उसे छोड़कर लोग जा कहां रहे हैं। गृह मंत्रालय की ओर से जारी की गई रिपोर्ट में बताया गया है कि भारतीय नागरिकता छोड़कर विदेशों में बसने वाले लोगों की पहली पसंद अमेरिका बना हुआ है।
रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2019 में भारत की नागरिकता छोड़ने वाले कुल लोगों में से 61,683 लोगों ने अमेरिका की नागरिकता ली थी। जबकि साल 2020 में 30,828 लोगों ने भारतीय नागरिकता छोड़कर अमेरिका की नागरिकता ली थी। वहीं साल 2021 में सबसे अधिक 78,284 लोगों ने भारत की नागरिकता छोड़कर अमेरिका की नागरिकता ले ली।
अमेरिका के बाद भारत छोड़कर जाने वालों की पसंद ऑस्ट्रेलिया और कनाडा भी बना हुआ है। साल 2021 में 23,533 लोगों ने भारतीय नागरिकता छोड़कर ऑस्ट्रेलिया के नागरिकता ली। जबकि, इसी वर्ष 21,597 लोगों ने कनाडा की नागरिकता ली। भारत की नागरिकता छोड़कर साल 2021 में ब्रिटेन में बसने वालों की संख्या 14,637 रही।
इसके अलावा भारतीय नागरिकता छोड़कर लोग चीन, न्यूजीलैंड, नीदरलैंड, पाकिस्तान और बांग्लादेश की भी नागरिकता ले रहे हैं। भारत छोड़कर पाकिस्तान में बसने वालों की संख्या पर नज़र डालें तो पता चलता है कि साल 2019 में जहां एक भी भारतीय नागरिक ने पाकिस्तान की नागरिकता नहीं ली, वहीं साल 2020 में 7 भारतीय नागरिकों ने पाकिस्तान की नागरिकता ली। जबकि, साल 2021 में यह आंकड़ा बढ़कर 41 तक पहुंच गया।
आखिर लोग क्यों छोड़ रहे हैं भारतीय नागरिकता
विशेषज्ञों की मानें तो भारत की नागरिकता छोड़ने वालों के पास कुछ प्रमुख वजहें हैं। पहली वजह है व्यापारिक सुरक्षा। दरअसल, भारत के धनी लोगों को लगता है कि भारतीय सरकार उन्हें व्यापार के अनुकूल माहौल नहीं बना कर दे पा रही है, जिसकी वजह से वह किसी और देश में निवेश कर वहीं की नागरिकता ले लेते हैं। दूसरी बड़ी वजह है लिविंग स्टैंडर्ड। भारत के अमीर लोगों को लगता है कि जो लिविंग स्टैंडर्ड उन्हें अमेरिका, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया या कनाडा में मिल जाएगा वह उन्हें यहां नहीं मिलेगा।
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