बीएनपी न्यूज डेस्क। बलिया के गडवार इलाके के अंदौर गांव में आसपास उपचार की अच्छी व्यवस्था नहीं होने के चलते एक महिला को ठेले पर लाद कर अस्पताल ले जाना पड़ा। सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीर को डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने संज्ञान लिया। महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य को जांच कर रिपोर्ट देने के आदेश दिए हैं। उन्होंने जवाब मांगा है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा एम्बुलेंस की व्यवस्था क्यों नहीं की गई।
सुकुल प्रजापति की पत्नी जोनिया देवी काफी दिनों से बीमार चल थी। शुक्रवार को अचानक तबियत ज्यादा खराब हो गई। पत्नी को अस्पताल ले जाने के लिए सुकुल साधन खोजने लगे, लेकिन कोई साधन नहीं मिला। सरकारी एंबुलेंस को फोन इसलिए नहीं किया कि अक्सर फोन के बाद भी एंबुलेंस समय से नहीं पहुंचते। फिर भी कोशिश किया। उनके पास मोबाइल नहीं थी, इसलिए अंजान व्यक्ति से एंबुलेंस को कॉल करने की गुजारिश की, लेकिन उसने कॉल ही नहीं किया। अंतत: वह घर के ठेले पर पत्नी को लाद कर लगभग पांच किमी दूर सवरूपुर मुख्य सड़क पर पहुंचे। यहां से निजी वाहन कर जिला अस्पताल में पहुंचे, लेकिन पत्नी की जान नहीं बच सकी। उन्हें पांच पुत्र हैं, जिसमें तीन बाहर नौकरी करते हैं। दो पुत्र बालिग हैं, जो अपने पिता के साथ ही रहते हैं। घर से नजदीक चिलकहर का अस्पताल है, लेकिन वहां इंतजाम नहीं होने के कारण उन्हें जिला अस्पताल का रूख करना पड़ा। यदि पास के अस्पताल में उपचार की अच्छी सुविधा होती तो महिला की जान बच भी सकती थी। फिलहाल अब मामले मेें स्वास्थ्य विभाग से रिपोर्ट तलब किया गया है। कई पहलुओं की जांच होगी।
अस्पतालों में मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं दिलाने के लिए उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए। योजना भवन में आयोजित समीक्षा बैठक में उन्होंने दो टूक कहा कि डाक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ समय पर ड्यूटी पर उपस्थित हों। अस्पतालों के निदेशक, प्रमुख अधीक्षक व मुख्य चिकित्सा अधिक्षक यह सुनिश्चित करें कि सभी डाक्टर व कर्मी अपनी कार्यावधि में अस्पताल में उपस्थित रहें। बिना इलाज के मरीज अस्पताल से वापस न जाए।
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