BNP NEWS DESK। Gyanvapi Vyas Room जिला अदालत के फैसले के अनुपालन में ज्ञानवापी में व्यास कक्ष में गुरुवार को ब्रह्ममुहूर्त में व्यास पीठिका के निकट स्थापित देव विग्रहों की नियमित राग-भोग, पूजा-आरती आरंभ हो गई। भोर में मंगला आरती के साथ ही विश्वनाथ मंदिर की तरह पांच पहर आरती-अनुष्ठान किए गए। सुबह होते ही तलगृह में विराजमान प्राचीन शिवलिंग के साथ ही श्रीहरि, हनुमत प्रभु व मां गंगा के वाहन मकर विग्रह के दर्शन के लिए श्रद्धाल़ु उमड़ पड़े। तीन दशक बाद अपने आराध्यों का राग-भोग देख हर एक की आंखें छलछलाईं तो हर हर महादेव के उद्घोष का स्वर तीव्र हो उठा।
Gyanvapi Vyas Room व्यास परिवार की याचिका पर ज्ञानवापी में उनके अधीन रहे तलगृह में स्थापित देव विग्रहों के नियमित राग-भाेग , पूजा-आरती के लिए बुधवार को निर्णय सुनाते हुए जिला न्यायाधीश डा. अजय कृष्ण विश्वेश ने प्रशासन को अवरोध हटाकर सात दिन के अंदर व्यवस्था सुनिश्चित करनेे का जिलाधिकारी को आदेश दिया था। जिला अदालत के आदेश के अनुपालन के लिए प्रशासन रात में ही सक्रिय हो उठा।
अफसरों ने आनन-फानन श्रीकाशी विश्वनाथ धाम सभागार में बैठक की और जिलाधिकारी एस राजलिंगम व पुलिस आयुक्त अशोक मुथा जैन की निगरानी में ज्ञानवापी स्थित व्यास जी के हिस्से का तलगृह खोलवाने के साथ सात मीटर बैरिकेडिंग काट कर रास्ता बना दिया गया। साफ-सफाई कराने के साथ साज-सज्जा व विद्युत प्रकाश का भी देर रात लगभग 1.30 बजे तक प्रबंध कर लिया गया।
ब्रह्ममुहूर्त में व्यास परिवार के प्रतिनिधि की उपस्थिति में श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के अर्चक ने देव विग्रहों की विधि विधान से मंगला आरती की और भाेग समर्पित किया। इसके साथ ही श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर की तरह पांच पहर राग-भोग, पूजा-आरती का क्रम आरंभ हो गया। मध्याह्न भोग आरती, शृंगार भोग आरती, सप्तर्षि आरती और शयन आरती की गई। Gyanvapi Vyas Room
झांकी दर्शन को उमड़ा रेला, रुधे कंठ से हर हर महादेव बोला
व्यास कक्ष खुलने के बाद पूजा आरती के साथ विश्वनाथ मंदिर में भी श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया था। इस पर जिसकी नजर पड़ी उधर ही बढ़ चला। देव विग्रहों का झांकी दर्शन कर विभोर हुए और रुधे कंठ से हर हर महादेव का उद्घोष किया। दर्शन करने पहुंचे अन्नपूर्णा मंदिर के महंत शंकर पुरी, अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जीतेन्द्रानन्द सरस्वती, काशी विद्वत परिषद के महामंत्री प्रो. रामनारायण द्विवेदी, उपाध्यक्ष प्रो. रामकिशोर मिश्रा, कार्यपरिषद सदस्य डा. दिव्य चेतन ब्रह्मचारी की उपस्थिति में षोडशोपचार पूजन और आरती की गई। शृंगार गौरी मुकदमे में वादी महिलाएं सपरिवार दर्शन करने पहुंचीं और भावुक हो उठी।
बाबा विश्वनाथ की तरह ही राग-भोग का विधान
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के अध्यक्ष प्रो. नागेंद्र पांडेय ने बताया कि तलगृह में विराजमान देव विग्रहों की नित्य पूजा, आरती, राग-भोग का संपूर्ण विधान वही होगा, जो बाबा विश्वनाथ दरबार में है। तलगृह में देव विग्रहों के पूजन-अर्चन, राग-भोग का विधान तय करने का दायित्व न्यायालय ने श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास को ही सौंपा है। विश्वनाथ मंदिर के अर्चक ही यहां भी पालीवार पूजन-अर्चन करेंगे। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्र ने बताया कि अपनी-अपनी पाली में बाबा दरबार में पूजन-अर्चन, आरती, राग-भोग का दायित्व निर्वहन करने वाले पुजारी-अर्चक ही तलगृह में भी विधान संपन्न कराएंगे।
प्रज्वलित हुई अखंड ज्योति, गूंज उठीं मानस की चौपाइयां
ज्ञानवापी व्यास कक्ष में विराजमान देव विग्रहों की पूजा आरती के साथ अखंड ज्योति प्रज्वलित की गई। साथ ही रामचरितमानस की चौपाइयां भी गूंज उठीं। न्यास परिषद के अनुसार अखंड ज्योति सदा प्रज्वलित रहेगी।
प्रशासन को देते नहीं बना था जवाब
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जिला अदालत के फैसले के अनुपालन में ज्ञानवापी में व्यास कक्ष में गुरुवार को ब्रह्ममुहूर्त में व्यास पीठिका के निकट स्थापित देव विग्रहों की नियमित राग-भोग, पूजा-आरती आरंभ हो गई।
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