BNP NEWS DESK। GI tag प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को मेंहदीगंज जनसभा स्थल से प्रदेश के 21 पारंपरिक उत्पादों को भौगोलिक संकेत यानी जियोग्राफिकल इंडिकेशन (जीआई) टैग का प्रमाण पत्र वितरित किया। मंच से बनारस के रमेश कुमार को बनारसी शहनाई, अनिल कुमार को बनारस मेटल कास्टिंग क्राफ्ट व लखीमपुर खीरी की छिद्दो को थारू इंब्रायडरी का जीआइ प्रमाण पत्र स्वयं प्रदान किया।
GI tag इन 21 उत्पादों का हाल के महीनों में पंजीकरण मिला था। इससे उत्तर प्रदेश 77 जीआइ उत्पादों के साथ देश में पहले स्थान पर आ गया। विशेष यह कि इसमें अकेले 32 जीआइ के साथ काशी क्षेत्र विश्व का जीआइ हब है। नए उत्पादों को जीआइ टैग प्रमाण पत्र मिलने से कानूनी संरक्षण और ब्रांड वैल्यू दोनों मिलेगी।
बनारस के नौ उत्पादों को मिली खास पहचान
21 जीआ टैग्ड उत्पादों में बनारस के हैं। इसमें बनारसी तबला, शहनाई, भरवा मिर्च, मेटल कास्टिंग क्राफ्ट, म्यूरल पेंटिंग, लाल पेड़ा, ठंडाई, तिरंगी बर्फी और चिरईगांव का करौंदा शामिल है। इसके साथ काशी क्षेत्र में 32 उत्पाद जीआइ टैग वाले हो गए हैं। इनसे लगभग 20 लाख लोग प्रत्यक्ष रूप से जुड़े हैं और 25500 करोड़ का वार्षिक कारोबार है।
बरेली, मथुरा और बुंदेलखंड को भी मिला सम्मान
जीआइ सूची में बरेली का फर्नीचर, जरी जरदोजी और टेराकोटा, मथुरा का सांझी क्राफ्ट, बुंदेलखंड का काठिया गेहूं और पीलीभीत की बांसुरी शामिल हैं। सभी उत्पाद अपने क्षेत्रों की सांस्कृतिक पहचान हैं। GI tag
चित्रकूट, आगरा, जौनपुर की कला को नई उड़ान
चित्रकूट का वुड क्राफ्ट, आगरा का स्टोन इनले वर्क और जौनपुर की इमरती को भी जीआइ टैग प्रमाण पत्र प्रदान किया गया है।
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