BNP NEWS POST। cyber thug कार एजेंसी दिलाने के भेलूपुर थाना क्षेत्र के गौरीगंज निवासी तेजश्वी शुक्ला से 72 लाख रुपये की साइबर ठगी करने वाले चार साइबर ठगों को साइबर क्राइम थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
पकड़े गए ठगों में तीन बिहार के नालंदा जिले
cyber thug पकड़े गए ठगों में तीन बिहार के नालंदा जिले के रहने वाले हैं। पुलिस ने इनके पास से नौ स्मार्ट फोन बरामद किए जिनकी कीमत लगभग दस लाख रुपये है। साथ ही एक डायरी भी मिली है जिसमें फर्जी बैंक खातों समेत अन्य हिसाब-किताब हैं।
तेजश्वी शुक्ला ने साइबर ठगी का मुकदमा दर्ज कराया
पकड़े गए साइबर ठगों के बारे में एडीसीपी क्राइम सवरणन टी ने बताया कि बीते 18 जून को तेजश्वी शुक्ला ने साइबर ठगी का मुकदमा दर्ज कराया था। उसने बताया था कि बीते अप्रैल माह में उसके ई मेल पर किया मोटर्स के नाम से मेल आया। मेल करने वाले ने खुद को कार कंपनी किया मोटर्स का डीलर एग्जीक्यूटिव चिराग शुक्ला बताया। cyber thug
मेल के जरिए जानकारी दिया कि कार एजेंसी खोलने के लिए तेजश्वी की नेशनल हाइवे (संख्या 19) विश्वसुंदरी मार्ग स्थित जमीन को चुना गया है। वर्ष 2017 में कार एजेंसी की ओर से उक्त जमीन का निरीक्षण किया गया था इसलिए तेजश्वी को मेल पर भरोसा हो गया।
मेल पर दिए मोबाइल नंबर के जरिए चिराग नाम के व्यक्ति से बात होने लगी। उसने झांसे में लेकर सबसे पहले साढ़े पांच लाख रुपये किया मोटर्स इंडिया के नाम से बैंक खाते में ट्रांसफर कराया। cyber thug
सिक्योरिटी डिपोजिट के नाम पर 25 लाख
इसके बाद सिक्योरिटी डिपोजिट के नाम पर 25 लाख, लाइसेंस अप्लिकेशन के नाम पर 23 लाख के साथ अन्य बहानों से कुल 72 लाख रुपये अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर करा लिया। तेजश्वी ने शंका होने पर किया कंपनी के गुडगांव स्थित कार्यालय से संपर्क किया तो ठगी की जानकारी हुई।
cyber thug पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू की तो जिन बैंक खातों में रुपये ट्रांसफर किए गए थे उनको जांच का आधार बनाते हुए इलेक्ट्रानिक सर्विलांस, डिजिटल फूटप्रिंट के जरिए साइबर ठगों तक पहुंची।
बिहार के नालंदा निवासी प्रियरंजन कुमार, सत्येंद्र सुमन, रंजन और दिल्ली के मधुबिहार निवासी रमेश सिंह को बिहार के पटना से गिरफ्तार कर लिया। साइबर ठगों को गिरफ्तार करने में प्रभारी निरीक्षक साइबर क्राइम थाना विजय नारायण मिश्र, निरीक्षक अनीता सिंह, राजकिशोर पांडेय, हेड कांस्टेबल श्याम लाल गुप्ता की अहम भूमिका रही।
छह साइबर ठगों को बीते जुलाई माह में गिरफ्तार किया गया था
पकड़े गए साइबर ठगों के पास से मिली डायरी की जांच में पुलिस के ठगी के और मामले की जानकारी हो सकती है। गिरोह के शामिल और ठगों के बारे में भी जानकारी मिलेगी। इस मामले में छह साइबर ठगों को बीते जुलाई माह में गिरफ्तार किया गया था। सभी साइबर ठग बिहार के नालंदा के रहने वाले हैं।
फर्जी दस्तावेज का करते थे इस्तेमाल
जांच में पुलिस को पता चला कि तेजश्वी ने कार एजेंसी के लिए सबसे पहले 2017, उसके बाद 2020 व इस वर्ष भी अप्लाई किया था। इसकी जानकारी साइबर ठगों को मिली तो ठगी के लिए साजिश के तहत किया मोटर्स के नाम से फर्जी बेवसाइट ई-मेल व कंपनी के फर्जी दस्तावेज इस्तेमाल करते हुए मेल भेजा और अन्य औपचारिकता करते रहे। कंपनी के नाम से फर्जी बैंक खातों में रुपये मंगाए।
गिरफ्तार साइबर ठगों के पास से 16 मोबाइल जिनकी कीमत लगभग दस लाख रुपये है, किया कार कंपनी के फर्जी लेटर हेड, इनोवाइस, क्रेडिट, डेबिट कार्ड, फर्जी नाम के सिम आदि मिले। पुलिस को आशंका है कि साइबर ठगों को इंटरनेट मीडिया के जरिए तेजश्वी के कार एजेंसी के आवेदन की जानकारी हुई होगी।
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कार एजेंसी दिलाने के भेलूपुर थाना क्षेत्र के गौरीगंज निवासी तेजश्वी शुक्ला से 72 लाख रुपये की साइबर ठगी करने वाले चार साइबर ठगों को साइबर क्राइम थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
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