बीएनपी न्यूज डेस्क। maharashtra crisis महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने साफ कहा है कि वो बागियों के सामने हथियार नहीं डालेंगे और आर-पार की लड़ाई को भी तैयार हैं। सरकार बचाने की कोशिशों को लेकर उनकी शरद पवार के साथ बैठक होनेवाली है। एनसीपी चीफ शरद पवार, डिप्टी सीएम अजीत पवार और कैबिनेट मंत्री जयंत पाटिल थोड़ी देर पहले मातोश्री पहुंचे। माना जा रहा है कि सरकार बचाने की संभावनाओं पर गहन विमर्श होगा। अटकलें ये भी हैं कि इस बैठक में उद्ठव ठाकरे गठबंधन से अलग होने का फैसला कर सकते हैं। राजनीति से जुड़े कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि ये सारा खेल खुद उद्धव ठाकरे का ही है और वो एनसीपी-कांग्रेस से पीछा छुड़ाना चाहते हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स हैं कि शिवसेना ने महाराष्ट्र में सियासी संकट के बीच कल दोपहर एक बजे बड़ी बैठक बुलाई है। इस बैठक में राष्ट्रीय कार्यकारिणी को उपस्थित रहने के लिए कहा गया है। बताया जा रहा है कि उद्धव ठाकरे शिंदे की बगावत के बाद कुनबे को एकजुट करने में जुटे हैं। सीएम उद्धव कोरोना के चलते इस बैठक में वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिए उपस्थित रहेंगे।
शिवसेना के तीन और विधायक बुधवार रात गुवाहाटी में विद्रोही खेमे में शामिल हो गए थे। सदा सर्वंकर का दलबदल इस बात का संकेत है कि कि शिवसेना नेतृत्व के खिलाफ नाराजगी कितनी गहरी है। सर्वंकर प्रतिष्ठित माहिम निर्वाचन क्षेत्र से विधायक हैं। यह सीट शिवसेना के लिए बेहद खास है। दरअसल माहिम निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत शिवसेना भवन और शिवाजी पार्क भी आते हैं जहां बाला ठाकरे ने शिवसेना की स्थापना की थी।
बढ़ती जा रही है एकनाथ शिंदे की ताकत
वहीं, बागी नेता एकनाथ शिंदे की ताकत बढ़ती जा रही है और उनके दावे के मुताबिक अब उनके साथ 50 से ज्यादा विधायक हैं। इनमें से करीब 40 विधायक शिवसेना से और 12 निर्दलीय विधायक है। ऐसे में उद्धव ठाकरे सरकार गिरना तो लगभग तय माना जा रहा है। लेकिन इसके साथ ही ये सवाल भी उठ रहा है कि क्या उद्धव ठाकरे शिवसेना पार्टी को बचा पाएंगे, या वो भी इनके हाथ से जाएगी?
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