BNP NEWS DESK | Economic Survey कृषि व ग्रामीण विकास के रास्ते देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने की दिशा में किए जा रहे उपायों को वित्त वर्ष 2023-24 के आम बजट में और तेज किया जाएगा। संसद में मंगलवार को पेश आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में किसानों
Economic Survey भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष 2022-23 में मुद्रास्फीति के 6.8 प्रतिशत पर रहने का अनुमान लगाया है। संसद में मंगलवार को पेश आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि 6.8 प्रतिशत की महंगाई दर का अनुमान इतना ज्यादा नहीं है कि निजी उपभोग को रोक सके न ही यह इतना कम है कि निवेश में कमी आए।
सर्वेक्षण में कहा गया, हालांकि लंबे समय तक खिंचने वाली महंगाई सख्ती के चक्र को लंबा कर सकती है। ऐसे में ऋण की लागत लंबे समय तक ऊंची रह सकती है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 को संसद में पेश किया।
भारत की खुदरा मुद्रास्फीति जनवरी, 2022 से 10 महीने तक भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के छह प्रतिशत के संतोषजनक स्तर से ऊपर रहने के बाद पिछले साल नवंबर में घटकर इससे नीचे आई है।
केंद्रीय बैंक ने पिछले साल मौजूदा वित्त वर्ष के लिए महंगाई दर 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था
सर्वेक्षण के अनुसार, ‘‘आरबीआई ने वित्त वर्ष 2022-23 में औसत महंगाई दर 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था जो इसके लक्षित दायरे से ऊंची थी। हालांकि, यह दर इतनी ज्यादा नहीं है कि निजी खपत को रोक सके या इतनी कम भी नहीं है कि निवेश को कमजोर कर सके।’’
भारत की थोक व खुदरा महंगाई 2022 में ज्यादातर समय ऊंची रही, जिसका मुख्य कारण फरवरी, 2022 में शुरू हुए रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान रहा।
रूस और यूक्रेन गेहूं, मक्का, सूरजमुखी के बीज और उर्वरकों जैसे जरूरी कृषि संबंधी उत्पादों के सबसे महत्वपूर्ण उत्पादकों में से एक हैं।
निर्यात से बहुरेंगे दिन:
संसद में पेश आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक वैश्विक बाजार में बढ़ती मांग से घरेलू कृषि क्षेत्र और किसानों के दिन बहुर सकते हैं। पिछले कुछ वर्षों में भारतीय कृषि निर्यात में अभूतपूर्व 18 फीसद की वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई है।
कृषि उत्पादों का 50 बिलियन डॉलर से अधिक का रिकार्ड निर्यात हुआ है। अंतरराष्ट्रीय बाजार की मांग के अनुरूप खेती में फसल विविधीकरण से सकारात्मक नतीजे मिल रहे हैं। एफपीओ को प्रोत्साहन, मशीनीकरण, पीएम-किसान निधि से दी गई नगदी मदद जैसे उपायों से किसानों की आमदनी बढ़ी है।
सर्वे रिपोर्ट में इसके लिए कई अध्ययनों का जिक्र किया गया है। इससे आम बजट में इस पर विशेष तरजीह देने के संकेत हैं।
जरूरी सुधार:
बीते वर्ष के दौरान खुले बाजार में कृषि उत्पादों की कीमतें निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के मुकाबले ऊपर बोली गईं, जिसका फायदा किसानों को मिला। फसल विविधीकरण में हाई वैल्यू फसलों को प्राथमिकता, बागवानी, पशुधन उत्पादकता, मार्केटिंग सुधार, रियायती ऋण, छोटी जोत वाली खेती के लिए मशीनों के उपयोग पर बल दिया जा सकता है। रिपोर्ट में इन क्षेत्रों पर पुनर्विचार की आवश्यकता बताई है।
The Review
Economic Survey
कृषि व ग्रामीण विकास के रास्ते देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने की दिशा में किए जा रहे उपायों को वित्त वर्ष 20233-24 के आम बजट में और तेज किया जाएगा।
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