बीएनपी न्यूज डेस्क। India-England series भारत ने इंग्लैंड को वनडे सीरीज में भारतीय बल्लेबाज भी कुछ खास नहीं कर पाए। पहले मैच में बहुत छोटा लक्ष्य मिला और आसानी से जीत लिया। दूसरे मैच में 247 रन का पीछा करते हुए 100 रन से हारे और तीसरे मैच में 260 रन के लक्ष्य को हासिल करने में छह विकेट गंवा दिए। यह वही टीम है, जिसे 300 रन से ज्यादा के लक्ष्य का पीछा करने में महारत हासिल थी। उस समय भारतीय खिलाड़ी बड़ी साझेदारी करने की कोशिश करते थे और अंत तक ले जाकर आसानी से मैच जीतते थे। अब कोई ऐसा करने की कोशिश नहीं कर रहा। इसी वजह से सेट होने के बाद बल्लेबाज विकेट गंवा रहे हैं।
भारत को अपने खेलने का अंदाज पहले जैसा करने की जरूरत है। खासकर लक्ष्य का पीछा करते हुए। वहीं, हर मुकाबले में शुरुआती तीन बल्लेबाजों में से किसी एक का बड़ी पारी खेलना बहुत जरूरी है। तभी टीम मैच जीतने की स्थिति में पहुंचेगी।
भारत ने इंग्लैंड को वनडे सीरीज 2-1 से हराया जरूर है, लेकिन कई सवाल अभी भी टीम इंडिया के सामने हैं। इनके जवाब जरूरी हैं, क्योंकि अगले साल होने वाले विश्व कप के लिहाज से भी तैयारी जरूरी है। यहां हम बता रहे हैं कि इस सीरीज में भारत ने किन कमियों पर काम किया और कौन सी समस्याएं अभी भी बनी हुई हैं।
रोहित शर्मा, शिखर धवन और विराट कोहली को लेकर चिंता
साल 2013 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज में रोहित शर्मा, शिखर धवन और विराट कोहली की तिकड़ी ने कमाल का प्रदर्शन किया था। भारत को सीरीज जिताने में इन तीनों का योगदान सबसे ज्यादा था। इसी सीरीज से इस तिकड़ी को त्रिदेव कहा जाने लगा था, लेकिन इस सीरीज इन्ही तीनों ने भारतीय टीम की चिंता बढ़ा दी है। पहले वनडे में रोहित और धवन ने शतकीय साझेदारी कर भारत को जीत जरूर दिलाई, लेकिन 110 रन का बचाव करते हुए इंग्लैंड के गेंदबाजों ने ना तो कोई लड़ने का जज्बा दिखाया था और ना ही भारतीय बल्लेबाजों पर कोई दबाव था। धवन इस मैच में काफी धीमे दिखे थे।
दूसरे और तीसरे वनडे में लक्ष्य 200 के पार था और दोनों बार भारत के शुरुआती चार बल्लेबाजों ने निराश किया। धवन, रोहित और कोहली जिम्मेदारी के साथ बल्लेबाजी नहीं कर सके। दूसरे वनडे में तो पूरी टीम ही 146 के स्कोर पर सिमट गई, लेकिन तीसरे मैच में हार्दिक और पंत ने पारी संभाल ली। धवन-रोहित और विराट को आने वाली सीरीज में रन बनाने होंगे और मैच जिताने होंगे। इन तीनों के बिना भारत का जीतना बहुत मुश्किल है। हर मैच में पांड्या और पंत से चमत्कार की उम्मीद करना गलत होगा।
मध्यक्रम में ऋषभ पंत, सूर्यकुमार यादव और हार्दिक पांड्या अच्छी लय में हैं, लेकिन अभी भी इन खिलाड़ियों पर भरोसा नहीं किया जा सकता। पंत का खेल आक्रामक है और वो इसी अंदाज में खेलते हैं, लेकिन सूर्यकुमार और हार्दिक को ज्यादा निरंतरता दिखानी होगी। खासकर सूर्यकुमार को मध्यक्रम में लंबी साझेदारियां करनी होंगी। निचले क्रम में जडेजा भी अच्छी बल्लेबाजी कर रहे हैं, लेकिन वो पुछल्ले बल्लेबाजों के साथ ठीक से नहीं खेल पा रहे हैं। दूसरे मैच में उन्होंने शमी को जरूरत से ज्यादा स्ट्राइक पर रखा, जबकि उन्हें खुद जिम्मेदारी लेकर ज्यादा गेंदें खेलनी थी और भारत को लक्ष्य के करीब ले जाना था।
गेंदबाज शानदार लय में
भारतीय गेंदबाजों ने टी20 और वनडे सीरीज में शानदार प्रदर्शन किया है। जसप्रीत बुमराह से लेकर मोहम्मद शमी और युजवेन्द्र चहल सब शानदार फॉर्म में हैं। हार्दिक भी बेहतरीन गेंदबाजी कर रहे हैं और तीसरे मैच में जडेजा ने भी अहम साझेदारी तोड़ी। भारतीय गेंदबाजों ने तीनों मैच में इंग्लैंड की टीम को ऑलआउट किया। लंबी बल्लेबाजी के बावजूद इंग्लैंड अपने घर में किसी मैच में 300 का आंकड़ा नहीं छू पाया। यह भारत के लिए बहुत अच्छी खबर है।
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