बीएनपी न्यूज डेस्क। काशी हिंदू विश्वविद्यालय में शुल्क वृद्धि के विरोध में चल रहा छात्रों का धरना अचानक उग्र हो उठा। गुस्साए छात्रों ने केंद्रीय कार्यालय पर जमकर तोड़फोड़ की, लान के कई गमले तोड़ डाले और पौधों को उखाड़ फेंका। कुलपति की कार को घेर लिया, सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें किसी तरह वहां से निकाला। इस बवाल के बीच सुरक्षाकर्मियों से हुई धक्का-मुक्की में एक छात्रा, एक सुरक्षाकर्मी समेत कई को हल्की चोटें आईं। छात्रों का आरोप है कि सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें हटाने के लिए उन पर डंडे बरसाए और दुर्व्यवहार किया।
प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि बीएचयू प्रशासन ने उनकी सेमेस्टर फीस को लगभग ढाई गुना बढ़ा दिया है। पहले जो फीस 325 रुपये थी, उसे 750 रुपये कर दिया गया है। अचानक 425 रुपये की यह वृद्धि उनके लिए भारी है। इस शुल्क वृद्धि के विरोध में स्नातक द्वितीय वर्ष के छात्रों ने 28 मार्च को भी ज्ञापन सौंपा था। उनका कहना था कि उन्हें इस संबंध में दो अप्रैल को जवाब देने का आश्वासन मिला था, तिथि बीत जाने के बाद भी शुल्क वृद्धि वापस लेने की कोई सूचना नहीं दी गई तो बुधवार को वे विश्वविद्यालय के केंद्रीय कार्यालय का चैनल गेट बंद कर सुबह से ही धरना दे रहे थे।
दोपहर को लगभग दो बजे जब कुलपति के कार्यालय से निकलने का समय हुआ तो विश्वविद्यालय के सुरक्षाकर्मी गेट खाली कराने पहुंचे। इस पर छात्रों से उनका विवाद हो गया, जो हाथापाई में बदल गया। इससे उग्र छात्रों ने वहां रखे कई गमलों को तोड़ दिया। सुरक्षाकर्मियों ने भी बलपूर्वक छात्रों को गेट से हटा दिया। कुलपति निकलकर कार में बैठे ही थे, कि छात्रों ने कार को घेर लिया और कार पर पीटने लगे तथा नारेबाजी करने लगे। सुरक्षाकर्मियों ने किसी तरह से छात्रों को हटाया और कुलपति को वहां से निकाले। इस हाथापाई में श्वेता नामक छात्रा, अंकित, राजन आदि कई छात्रों को हल्की चोटें आईं तो छात्रों द्वारा फेंके गए गमले से एक सुरक्षाकर्मी के पैर में चोट लगी। बवाल की सूचना पाकर काफी संख्या में छात्र केंद्रीय कार्यालय पहुंच गए। चीफ प्राक्टर तथा प्राक्टोरियल बोर्ड के लोगों की सूचना पर पुलिस भी पहुंच गई। इसके बाद बहुत से छात्र खिसक लिए लेकिन धरना दे रहे छात्र वहां जमे रहे और नारेबाजी करते रहे।
चीफ प्राक्टर प्रो. बीसी कापड़ी ने कहा कि छात्र अपने ही बच्चे हैं। उनकी मांगों पर विचार चल रहा है। उन्हाेंने बड़ी गलती की है लेकिन पहली गलती मानकर उन्हें माफ किया जा रहा है। सभी छात्र चिह्नित हैं, यदि फिर उन्होंने गलती की तो उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
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