BNP News Desk। kartavya path दिल्ली के ऐतिहासिक राजपथ का नाम बदलने वाला है। ऐतिहासिक राजपथ का नाम अब बीते दिनों की बात हो जाएगी। राजपथ को अब कर्तव्यपथ के नाम से जाना जाएगा। सरकार ने ऐतिहासिक राजपथ और राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट तक फैले सेंट्रल विस्टा लॉन का नाम बदलकर ‘कर्तव्यपथ’ करने का फैसला किया है।
प्रधानमंत्री ने 2047 तक अगले 25 वर्ष में सभी लोगों के अपने कर्तव्य निभाने के महत्व पर जोर दिया है और ‘कर्तव्यपथ’ नाम में इस भावना को देखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने इससे पहले भी अनेक मार्गों के नाम बदलकर जन-केंद्रित नाम रखे। साल 2015 में रेसकोर्स रोड का नाम बदलकर लोक कल्याण मार्ग किया गया, जहां प्रधानमंत्री आवास है।
साल 2015 में औरंगजेब रोड का नाम बदलकर एपीजे अब्दुल कलाम रोड किया गया। साल 2017 में डलहौजी रोड का नाम दाराशिकोह रोड कर दिया गया। अकबर रोड का नाम बदलने के भी अनेक प्रस्ताव आये हैं, लेकिन अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
सात सितंबर को एक विशेष बैठक
नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) ने राजपथ और सेंट्रल विस्टा लॉन का नाम बदलकर ‘कर्तव्यपथ’ करने के संबंध में सात सितंबर को एक विशेष बैठक बुलाई है। प्रस्ताव को परिषद के समक्ष रखा जाएगा। इंडिया गेट पर नेताजी की प्रतिमा से लेकर राष्ट्रपति भवन तक पूरा मार्ग और क्षेत्र कर्तव्यपथ के नाम से जाना जाएगा।
kartavya path नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) ने राजपथ और सेंट्रल विस्टा लॉन का नाम बदलकर ‘कर्तव्यपथ’ करने के संबंध में सात सितंबर को एक विशेष बैठक बुलाई है और प्रस्ताव को परिषद के समक्ष रखा जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘इंडिया गेट पर नेताजी की प्रतिमा से लेकर राष्ट्रपति भवन तक पूरा मार्ग और क्षेत्र कर्तव्यपथ के नाम से जाना जाएगा।” ब्रिटिश काल में राजपथ को किंग्सवे कहा जाता था। प्रधानमंत्री मोदी ने इस साल अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण में औपनिवेशिक सोच दर्शाने वाले प्रतीकों को समाप्त करने पर जोर दिया था।
राजपथ की कहानी
राजपथ को पहले एलीट क्लास के लिए एक सड़क के रूप में देखा जा सकता है। जब इसका नाम जनपथ किया गया तो इस मूल में भी बदलाव देखने को मिला। यह, वास्तव में आम आदमी के लिए एक सड़क बन गई है। राजपथ से देश ने आजादी के बाद कई विरोध आंदोलनों का जन्म होते देखा है। 1988 में यहां से किसानों का विशाल विरोध प्रदर्शन हुआ था। 2012 में निर्भया की मौत के बाद विरोध प्रदर्शन भी यहीं हुआ था। साल 2019 में सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का गवाह भी ऐतिहासिक राजपथ रहा है। इसके अलावा हर साल देश अपनी सैन्य ताकत और सांस्कृतिक विविधता का नजारा भी इसी ऐतिहासिक राजपथ पर देखता है।
अंग्रेजों की परछाई से निकल रहा भारत
प्रधानमंत्री मोदी ने इस साल अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण में औपनिवेशिक सोच दर्शाने वाले प्रतीकों को समाप्त करने पर जोर दिया था। आजादी के बाद प्रिंस एडवर्ड रोड को विजय चौक, क्वीन विक्टोरिया रोड को डॉ. राजेंद्र प्रसाद रोड, ‘किंग जॉर्ज एवेन्यू’ रोड का नाम बदलकर राजाजी मार्ग किया गया था। इन महत्वपूर्ण सड़कों के नाम अंग्रेजी ब्रिटिश सम्राटों के नाम पर थे।
वहीं दूसरी ओर दिल्ली में भारतीय शासकों और शासक राजवंशों के नाम पर भी सड़कों के नाम थे। जैसे फिरोज शाह रोड, पृथ्वी राज रोड, लोदी रोड, औरंगजेब रोड, अकबर रोड आदि। मोदी सरकार के कार्यकाल में कई रास्तों का का नाम बदला गया है। साल 2015 में रेसकोर्स रोड का नाम बदलकर लोक कल्याण मार्ग किया गया, जहां प्रधानमंत्री आवास है। साल 2015 में औरंगजेब रोड का नाम बदलकर एपीजे अब्दुल कलाम रोड किया गया। साल 2017 में डलहौजी रोड का नाम दाराशिकोह रोड कर दिया गया। इस तरह से ऐसा लगता है कि देश चुन-चुनकर अब अंग्रेजों की परछाई से निकल रहा है।
The Review
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kartavya path दिल्ली के ऐतिहासिक राजपथ का नाम बदलने वाला है। ऐतिहासिक राजपथ का नाम अब बीते दिनों की बात हो जाएगी। राजपथ को अब कर्तव्यपथ के नाम से जाना जाएगा।
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