BNP NEWS DESK। CUET-UG कामन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी)-यूजी में बड़े बदलाव की तैयारी की जा रही है। बदलाव के तहत इस वर्ष से अंकों के नार्मलाइजेशन को समाप्त किया जा सकता है। दरअसल सीयूईटी के प्रत्येक सत्र में उम्मीदवारों को प्रश्न पत्र के अलग-अलग सेट दिए जाते हैं।
कई बार किसी पाली में उम्मीदवारों को कम कठिन प्रश्न दे दिए जाते हैं, जबकि किसी पाली में उम्मीदवारों को कठिन प्रश्न मिल जाते हैं। इसी परेशानी को दूर करने और परीक्षा में निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए अंकों का नार्मलाइजेशन किया जाता रहा है।
छात्रों को अपनी पसंद के शहर में परीक्षा देने का मौका मिलेगा
CUET-UG विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अध्यक्ष एम. जगदीश कुमार ने कि परीक्षा हाइब्रिड मोड में परीक्षा आयोजित करने पर विचार हो रहा है, जिसमें ओएमआर शीट और कंप्यूटर आधारित परीक्षा शामिल है। इससे यह परीक्षा कम समय में समाप्त हो सकती है। इसके साथ ही अधिकांश छात्रों को अपनी पसंद के शहर में परीक्षा देने का मौका मिलेगा। अधिक आवेदन मिलने पर पेन-एंड-पेपर मोड और कम पंजीकरण होने पर कंप्यूटर-आधारित परीक्षा हो सकती है।
उन्होंने कहा, पिछले दो वर्षों से एक ही पेपर के लिए दो या तीन दिनों में परीक्षा आयोजित करनी पड़ती थी।
ताकि छात्रों को यथासंभव पसंद का परीक्षा केंद्र दिया जा सके। इस कारण अंकों के नार्मलाइजेशन की जरूरत होती है। हाइब्रिड मोड में एक ही दिन में एक विषय की परीक्षा आयोजित करने से अंकों के नार्मलाइजेशन की जरूरत खत्म हो जाएगी। हाइब्रिड मोड में परीक्षा होने से जून के तीसरे सप्ताह तक परिणाम घोषित किया जा सकेगा और जुलाई के अंत या अगस्त की शुरुआत तक शैक्षणिक सत्र की शुरुआत हो सकेगी।
बदलाव के तहत इस साल छात्रों को 10 के बजाय अधिकतम छह पेपर देने का अवसर मिलेगा। क्योंकि पिछले साल की परीक्षा में केवल कुछ प्रतिशत छात्रों ने 10 पेपर देने का विकल्प चुना था। इससे कम समय में परीक्षा आयोजित की जा सकेगी। वैसे भी पिछले साल की परीक्षा में केवल कुछ प्रतिशत छात्रों ने 10 पेपर देने का विकल्प चुना था। सीयूईटी विश्वविद्यालयों में स्नातक पाठ्यक्रमों में एडमिशन के लिए होने वाली परीक्षा है।
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कामन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी)-यूजी में बड़े बदलाव की तैयारी की जा रही है।
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