बीएनपी न्यूज डेस्क। Credit Card Rules 2022 एक जुलाई से डेबिट और क्रेडिट कार्ड से जुड़े कई नियमों में बदलाव होने जा रहा है। इन नियमों से क्रेडिट कार्ड होल्डर्स को काफी आसानी हो जाएगी। क्रेडिट कार्ड की बिलिंग साइकिल और क्रेडिट कार्ड को बंद करने का नियम बदल जाएगा। इन दोनों को लेकर ग्राहकों की कई शिकायतें कस्टमर केयर के पास और बैंक में आती थी। लेकिन बैंकवाले उनके साथ मनमानी करते थे। रिजर्व बैंक ने ग्राहकों की इन समस्याओं को दूर करने के लिए जरूरी बदलाव किया है। बैंकों को इन बदलावों का पालन करना होगा। नहीं तो बैंकों पर भारी-भरकम जुर्माना लगाया जाएगा।
- ग्राहकों को नहीं दिया जाएगा गलत बिल
Credit Card Rules 2022 क्रेडिट कार्ड जारी करने वाले बैंक की यह जिम्मेदारी होगी कि ग्राहकों के पास गलत बिल ना भेजा जाए। अगर ग्राहकों को अपने किसी बिल पर डाउट होता है तो इसकी शिकायत की जा सकती है। शिकायत के 30 दिनों के भीतर बैंक या कंपनी को इसका जवाब देना होगा। बैंक को अपने बिल के समर्थन में कागजी प्रूफ भी देना पड़ सकता है। इतना ही नहीं, बैंक या कंपनी को लिखित में ग्राहक को जवाब देना होगा। - बिल भेजने में नहीं होगी देरी
बैंक या कंपनी को समय पर बिल भेजना होगा। कई बार ऐसी शिकायत आ चुकी है कि ज्यादा कमाई के चक्कर में कोई बैंक या कंपनी देर से बिल भेजती है। जिससे ड्यू डेट पास होने पर फाइन लग जाता है। अब ऐसा नहीं चलेगा। बैंकों या कंपनियों को समय पर क्रेडिट कार्ड का बिल देना होगा। ताकि ग्राहक को बिल देखने, समझने और उसे चुकाने का पर्याप्त समय मिल सके। बिना वक्त दिए क्रेडिट कार्ड के बिल पर जुर्माना नहीं वसूला जा सकता। - बदला बिलिंग साइकिल का नियम
रिजर्व बैंक ने बिलिंग साइकिल का भी नियम तय किया है। जानकारी दें कि बिलिंग साइकिल का मतलब बिल जनरेट होने से लेकर अगले एक महीने तक की अवधि होती है। इसके बाद कस्टमर को कुछ एक्स्ट्रा दिन दिया जाता है, जिसमें क्रेडिट कार्ड का बिल जमा करना होता है। इसका पूरा वक्त 55 दिन का हो सकता है। दिए गए वक्त के बाद क्रेडिट कार्ड का बिल भरा जाएगा तो बैंक ब्याज लगा सकती है। नए नियम के मुताबिक, ग्राहक का बिलिंग साइकिल पिछले महीने के हर 11वें दिन शुरू होकर अगले महीने के 10वें दिन तक जाएगा। - ग्राहकों की मर्जी होगी तभी मिलेगा कार्ड
बता दें कि आपके बिना चाहे कोई भी बैंक या कंपनी अपनी मर्जी से आपको क्रेडिट कार्ड नहीं दे सकती है। अगर ग्राहक की सहमति के बिना कोई क्रेडिट कार्ड जारी किया जाता है या कार्ड को अपग्रेड किया जाता है तो यह नियम का उल्लंघन माना जाएगा। अगर इसपर कस्टमर से बिल लिया जाता है तो बैंक या कंपनी पर कार्रवाई की जाएगी। बैंक या कंपनी को न सिर्फ पैसा वापस करना होगा, बल्कि चार्ज की दोगुनी राशि चुकानी होगी। - शिकायत करते ही कार्ड होगा बंद
कई बार ऐसा देखा गया है कि ग्राहक जब क्रेडिट कार्ड बंद करने का रिक्वेस्ट करते हैं, तब बैंक या कंपनी टालमटोल करती रहती है। अब कंपनी को ग्राहकों का रिक्वेस्ट तुरंत मानना होगा। 7 वर्किंग डेज में कार्ड बंद करने के रिक्वेस्ट को अमली जामा पहनाना होगा। ऐसा नहीं करने पर कंपनी या बैंक पर जुर्माना लगेगा। कार्ड बंद होते ही इसकी जानकारी ईमेल, एसएमएस आदि से ग्राहक को तुरंत देनी होगी। अगर 7 दिन के भीतर कार्ड बंद नहीं किया गया तो हर दिन के हिसाब से 500 रुपये का जुर्माना लगेगा। कार्ड बंद करने की रिक्वेस्ट तभी दी जाएगी जब उस पर कोई बकाया न हो।
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