बीएनपी न्यूज डेस्क। कांग्रेस ने वाराणसी की आठ में से चार विधानसभा सीटों पर महिलाओं को मैदान में उतारकर आधी आबादी पर भरोसा जताया है। महिलाओं को सेवापुरी, अजगरा की ग्रामीण तो दक्षिणी और उत्तरी की शहरी सीट पर मौका दिया है। इस प्रकार न केवल शहर बल्कि गांवों में भी महिलाओं को मौका मिला है। इसके पूर्व कांग्रेस ने रोहनिया से जिलाध्यक्ष रहे राजेश्वर पटेल तो पिंडरा से पूर्व विधायक अजय राय को प्रत्याशी बनाया था। इस प्रकार से जिले की सभी आठ सीटों पर कांग्रेस ने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं।
पार्टी ने अपने पूर्व सांसद व गांधी परिवार के करीबी डा. राजेश मिश्र को कैंट विस सीट से प्रत्याशी बनाया है। वह 2017 के चुनाव में शहर दक्षिणी से प्रत्याशी थे। उन्हें भाजपा के डा. नीलकंठ तिवारी ने मामूली अंतर से हराया था। आधी शहरी और आधी ग्रामीण मतदाताओं वाली शिवपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस कमेटी चिरईगांव के ब्लाक अध्यक्ष गिरीश पांडेय को टिकट दिया है। पेशे से अधिवक्ता गिरीश जिला कांग्रेस कमेटी के महासचिव थे। अभी हाल ही में जिला कांग्रेस की विस्तारित कमेटी में जिला उपाध्यक्ष बनाए गए थे।
शहर उत्तरी विधानसभा क्षेत्र से पार्टी ने उत्तरी से ही तीन बार के विधायक और एनडी तिवारी व बीर बहादुर सिंह सरकार में राज्यमंत्री रहे सफीउर्रहमान अंसारी की बहू गुलराना तबस्सुम को टिकट दिया है। तबस्सुम वर्तमान में रसूलपुरा से पार्षद हैं। इनके पति अनीशु रहमान भी दो बार के पार्षद (रसूलपुरा) रहे हैं। वरिष्ठ कांग्रेस नेता गौरव कपूर की पत्नी मुदिता कपूर को शहर दक्षिणी से प्रत्याशी बनाया है। मुदिता पेशे से आर्किटेक्ट हैं। समाजसेवा में रुचि रखती हैं। गौरव कांग्रेस रिसर्च टीम के चेयरमैन और प्रियंका व राहुल गांधी के करीबी हैं। इवेंट मैनेजमेंट व होटल व्यवसाय से जुड़े हैं। कला प्रकाश संस्था के अशोक कपूर इनके पिता हैं। विधानसभा क्षेत्र सेवापुरी से पूर्व जिला पंचायत सदस्य व कांग्रेस जिला महासचिव आनंद सिंह रिंकू की पत्नी अंजू सिंह को टिकट दिया गया है। स्नातक शिक्षा प्राप्त अंजू सिंह घरेलू महिला हैं। इनके दादा जमुना सिंह अपने समय में कांग्रेस जिला कार्यकारिणी सचिव थे। कांग्रेस ने अजगरा विधानसभा क्षेत्र से आशा देवी को प्रत्याशी बनाया है। क्षेत्र के भेलखा (हरहुआ) निवासी आशा 10 वर्ष से महिला कांग्रेस कमेटी की हरहुआ ब्लाक अध्यक्ष हैं। इनके पति राजेंद्र पूर्व में कांग्रेस कमेटी के जिला सचिव रह चुके हैं। 2017 में राजेंद्र ने अजगरा सीट से दावेदारी की थी लेकिन कांग्रेस व सपा गठबंधन के कारण इनको टिकट नहीं मिला। इस बार पार्टी द्वारा 40 फीसद महिलाओं को टिकट देने के कारण राजेंद्र की बजाय उनकी पत्नी को मौका मिला।
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