बीएनपी न्यूज डेस्क। Jagdeep Dhankhar बीजेपी ने जगदीप धनखड़ को उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनाकर एक तरह से राजस्थान, यूपी और हरियाणा के जाटों को साधने की कोशिश की है। जगदीप धनखड़ राजस्थान से आते हैं। उनका जन्म राज्य के झुंझुनू जिले के किठाना गांव में 18 मई 1951 में हुआ था। उनकी शुरुआती शिक्षा-दीक्षा भी यहीं से हुई। जयपुर के महाराजा कॉलेज से उन्होंने ग्रेजुए़शन किया। फिर राजस्थान विश्वविद्यालय से एलएलबी की। वह राजस्थान बार काउंसिल में एडवोकेट के तौर पर 1979 में रजिस्टर हुए। 1990 में राजस्थान हाई कोर्ट ने उन्हें सीनियर एडवोकेट के तौर पर नामित किया। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में भी प्रैक्टिस की।
जगदीप धनखड़ को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने के बाद राजस्थान के चिड़ावा से करीब सत्रह किलोमीटर दूर स्थित किठाना गांव में उत्सव सा माहौल है। धनखड़ का जन्म किठाना गांव में 18 मई 1951 को गोकुलराम धनखड़ के घर हुआ। गांव के चौक में उनकी पुश्तैनी हवेली भी है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा ने धनखड़ की उम्मीदवारी की घोषणा करते हुए उन्हें ‘किसान-पुत्र’ बताया है। नड्डा ने इस बयान से उन लोगों के लिए एक स्पष्ट संदेश देने की कोशिश की है, जो ये दावा करते हैं कि भाजपा जाट और किसान विरोधी है।राजस्थान में अगले साल चुनाव है तो वहीं हरियाणा में 2024 में। इन राज्यों में जाटों की भूमिका काफी महत्वपूर्ण मानी जाती रही है। साथ ही 2024 में लोकसभा का चुनाव भी है।
धनखड़ की प्रारंभिक शिक्षा भी इसी गांव के सरकारी स्कूल में हुई। एनडीए की ओर से उन्हें उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने की सूचना मिलने के साथ ही गांव में खुशी का माहौल है। हर घर में मिठाई बांटी जा रही है। महिलाएं मंगल गीत गा रही है। चारों तरफ पटाखे छोड़े जा रहे हैं और पैतृक घर में देसी घी के दीपक जलाए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता रहे धनखड़ ने उच्च शिक्षा राजस्थान विश्वविद्यालय से पूरी की। राजस्थान यूनिवर्सिटी से एलएलबी करने के बाद वे वकालत करने लगे।
राजस्थान हाईकोर्ट में वर्षों तक वकालत की तथा 1986 में राजस्थान हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष भी रहे। शेखावाटी से भैरोंसिंह शेखावत भी उप राष्ट्रपति रह चुके हैं। धनखड़ तीन भाइयों में दूसरे नंबर पर आते हैं। उनके बड़े भाई कुलदीप धनखड़ कंस्ट्रक्शन कंपनी चलाते हैं। दूसरे नंबर पर स्वयं जगदीप तथा सबसे छोटे भाई रणदीप धनखड़ हैं जो कि आरटीडीसी चेयरमैन रह चुके हैं।
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