BNP NEWS DESK। Sheikh Hasina बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आइसीटी) ने गुरुवार को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और 45 अन्य के विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट जारी किए। देश में छात्र आंदोलन के दौरान मानवता के विरुद्ध कथित अपराधों के आरोपों में ये वारंट जारी किए गए हैं। बता दें कि बांग्लादेश में हिंसक छात्र आंदोलन के चलते गत पांच अगस्त को शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग सरकार का पतन हो गया था। तब से शेख हसीना भारत में हैं।
Sheikh Hasina ढाका ट्रिब्यून अखबार के अनुसार, 77 वर्षीय शेख हसीना और उनकी पार्टी अवामी लीग के शीर्ष नेताओं समेत अन्य के विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट पुनर्गठित न्यायाधिकरण द्वारा शुरू की गई न्यायिक कार्यवाही के पहले दिन जारी किए गए।
मुख्य अभियोजक मोहम्मद ताजुल इस्लाम ने बताया कि आइसीटी के चेयरमैन जस्टिस मोहम्मद गुलाम मुर्तजा मजुमदार के नेतृत्व वाले न्यायाधिकरण ने आदेश पारित किया। यह आदेश अभियोजन पक्ष की ओर से दाखिल उन दो याचिकाओं पर आया है, जिनमें इन लोगों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने की मांग की गई थी। आइसीटी ने संबंधित अधिकारियों को यह आदेश भी दिया कि वे हसीना और 45 अन्य को 18 नवंबर तक गिरफ्तार कर उसके समक्ष पेश करें।
आंदोलन के दौरान हुई हत्याओं में शामिल लोगों के खिलाफ आइसीटी में मुकदमा चलाएगी
अब तक हसीना, उनकी पार्टी अवामी लीग और 14 दलों के गठबंधन के अन्य नेताओं, पत्रकारों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के पूर्व शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ आइसीटी में जबरन गायब करने, हत्या और सामूहिक हत्याओं की 60 से अधिक शिकायतें दर्ज की गई हैं। सरकारी नौकरियों में विवादास्पद कोटा प्रणाली को लेकर अभूतपूर्व सरकार विरोधी आंदोलन के चलते हसीना को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। इस दौरान देशभर में भड़की हिंसा में सैकड़ों लोग मारे गए थे। आठ अगस्त को कार्यभार संभालने के बाद अंतरिम सरकार ने कहा था कि वह आंदोलन के दौरान हुई हत्याओं में शामिल लोगों के खिलाफ आइसीटी में मुकदमा चलाएगी।
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बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आइसीटी) ने गुरुवार को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और 45 अन्य के विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट जारी किए।
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