BNP NEWS DESK । Carbon Dating इलाहाबाद हाई कोर्ट ने वाराणसी, ज्ञानवापी परिसर स्थित कथित शिवलिंग की Carbon Dating मामले में भारतीय पुरातत्व विभाग को जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए आठ हफ्ते का समय दिया है। मामले में अगली सुनवाई 20 मार्च को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने लक्ष्मी देवी व अन्य की पुनरीक्षण याचिका पर दिया है।
याची अधिवक्ता ने भी सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई के प्रभाव की जानकारी के लिए समय मांगा है। कोर्ट ने पिछली सुनवाई में आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया से कथित शिवलिंग में बिना किसी छेड़छाड़ के कार्बन डेटिंग जांच की जानकारी मांगी थी।
हाई कोर्ट ने पूछा था कि क्या ऐसी कोई विधि है, जिससे कथित शिवलिंग को बिना नुकसान पहुंचाए उसकी कार्बन डेटिंग जांच की जा सके। इस पर आर्कोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया ने जवाब दाखिल कर कहा कि उसके पास ऐसी विधियां हैं जिससे शिवलिंग को नुकसान पहुंचाए बिना कार्बन डेटिंग जांच की जा सकती है।
अंजुमन इंतेजामिया ने अदालत से की अपना पक्ष रखने की मांग
ज्ञानवापी परिसर स्थित वुजूखाने में गंदगी करने और एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही में मिले शिवलिंग को लेकर अपने बयान से हिंदुओं की भावना आहत करने के आरोप में अखिलेश यादव व असदुद्दीन ओवैसी पर मुकदमा दर्ज करने की मागं को लेकर दाखिल प्रार्थना पत्र पर गुरुवार को एसीजेएम पंचम एमपी/एमएलए उज्ज्वल उपाध्याय की अदालत में सुनवाई हुई। अदालत में अंजुमन इंतजामिया मसाजिद की ओर से वकील श्रीनाथ त्रिपाठी ने अदालत से अपना पक्ष रखने की मांग की।
इस बाबत उनकी ओर से दाखिल प्रार्थना पत्र का निस्तारण करने की अपील की। उनका कहना है कि अदालत द्वारा वादी वकील हरिशंकर पांडेय का प्रार्थना पत्र सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिए जाने पर विपक्षी अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी का पक्ष रखने की अपील करते हुए प्रार्थना पत्र दाखिल किया है। बहस सुनने के पश्चात अदालत ने उनके प्रार्थना पत्र पर फैसला सुरक्षित कर लिया है।
वहीं मां शृंगार गौरी के नियमित-पूजन की मांग करने वाली चार महिलाओं की ओर से ज्ञानवापी से जुड़े सात मुकदमों को एक ही अदालत में सुनने की मांग को लेकर दाखिल प्रार्थना पत्र पर गुरुवार को जिला जज डा. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में सुनवाई नहीं हो सकी। अगली सुनवाई के लिए 24 जनवरी की तिथि तय की गई है।
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