बीएनपी न्यूज डेस्क। कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन के बढ़ते मामलों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को संबोधित कर रहे हैं। इस दौरान उन्होंने देशवासियों से अपील करते हुए कहा कि ओमिक्रोन से पैनिक करने की जरुरत नहीं है। उन्होंने कहा कि आप सभी को क्रिसमस की हार्दिक शुभकामनाएं। हम 2021 के अंतिम सप्ताह में हैं। 2022 आने ही वाला है। आज दुनिया के कई देशों में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन से संक्रमित होने का पता चला है। आप सभी से आवेदन है कि पैनिक न करें। सावधान रहें सतर्क रहें। ड्रग कंट्रोलर जनरल आफ इंडिया (डीसीजीआइ) ने भारत बायोटेक के कोवैक्सीन को 12 से 18 साल के बच्चों व किशोरों पर आपातकालीन इस्तेमाल को लेकर मंजूरी दे दी
कोविड महामारी के खिलाफ लडाई में भारत ने एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। देश को 12 वर्ष या उससे अधिक के किशोंरों के लिए कोविड रोधी वैक्सीन मिल गई है। केंद्रीय औषध मानक नियंत्रण संगठन- सीडीएससीओ ने देश में 12 वर्ष और उससे अधिक आयु वर्ग के बच्चों के लिए कैडिला हेल्थकेयर की डीएनए आधारित कोविड वैक्सीन – जायकोव-डी के आपात उपयोग की अनुमति दे दी है।
सी.डी.एस.सी.ओ. की विशेषज्ञ समिति के परामर्श से तीसरे चरण के नैदानिक परीक्षण के परिणामों के मूल्यांकन के बाद इसे मंजूरी दी गई। इस वैक्सीन की प्रभावशीलता 66 दशमलव छह प्रतिशत है और इसे दो से आठ डिग्री सेल्सियस तापमान के बीच सुरक्षित रखा जा सकता है। इस वैक्सीन की तीन डोज दी जाएंगी। पहली डोज देने के बाद 28वें दिन दूसरी और 56वें दिन तीसरी डोज दी जाएगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि देश कोविड के खिलाफ पूरी ताकत के साथ लड़ रहा है और दुनिया की पहली डीएनए आधारित जायडस कैडिला की जायकोव-डी वैक्सीन देश के वैज्ञानिकों की महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि जायकोव-डी को मिलाकर भारत में अब तक छह कोविड वैक्सीन को मंजूरी दी जा चुकी है और यह देश में ही विकसित दूसरी वैक्सीन है।
देशभर में 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लिए सरकारी केन्द्रों में निःशुल्क कोविड टीकाकरण अभियान जारी है। युवाओं से आग्रह है कि टीका जरूर लगवाएं और अन्य लोगों को भी इसके लिए प्रोत्साहित करें। जब तक आवश्यक न हो, घर से बाहर न निकलें और सुरक्षा के तीन सरल उपायों का पालन करें।
भारत में आने वाले दिनों में ओमीक्रोन के मामले बढ़ेंगे
दक्षिणी अफ्रीका में ओमीक्रोन का सबसे पहले पता लगाने वाली डॉ. एंजेलिक कोएत्जी ने कहा है कि भारत में कोरोना वायरस के इस नए स्वरूप के कारण संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी दिखेगी, लेकिन अधिकतर लोगों में मामूली लक्षण दिखने की उम्मीद है, जैसा कि दक्षिण अफ्रीका में देखा जा रहा है।
साउथ अफ्रीकन मेडिकल एसोसिएशन’ की अध्यक्ष ने यह भी कहा कि मौजूदा टीकों से इस रोग को फैलने से रोकने में निश्चित ही मदद मिलेगी, लेकिन टीकाकरण नहीं कराने वाले लोगों को शत-प्रतिशत खतरा है।
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