BNP NEWS DESK। Atala Devi Temple जौनपुर, अटाला मस्जिद प्रकरण में विपक्षी वक्फ अटाला मस्जिद ने सिविल जज सुधा शर्मा की कोर्ट प्रार्थना पत्र दिया और कहा कि वादी स्वराज वाहिनी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष संतोष कुमार मिश्रा का दावा पोषणीय नहीं है। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद वक्फ अटाला मस्जिद का प्रार्थना पत्र निरस्त कर दिया और विपक्षी गण को जवाबदेही, अमीन की रिपोर्ट, अस्थाई निषेधाज्ञा पर आपत्ति की सुनवाई के लिए 16 नवंबर तिथि नियत किया।
Atala Devi Temple इसके पूर्व जिला जज वाणी रंजन अग्रवाल ने विपक्षी की निगरानी निरस्त कर आदेश दिया था कि वादी पक्ष वाद दाखिल कर सकता है। वाद पोषणीय है या नहीं, या कोर्ट को क्षेत्राधिकार है या नहीं, इन बिंदुओं को वक्फ सचिव संबंधित कोर्ट में चुनौती दे सकते हैं। जिस पर विपक्षी ने संबंधित सिविल जज कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया, जिसे कोर्ट ने निरस्त कर दिया।
13वीं शताब्दी में फिरोज शाह तुगलक ने जौनपुर पर आक्रमण किया
बता दें कि स्वराज वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष संतोष कुमार मिश्रा ने पीस कमेटी जामा मस्जिद (अटाला मस्जिद) मोहल्ला सिपाह के खिलाफ वाद दायर किया कि 13वीं शताब्दी में राजा विजय चंद्र जी ने अटला देवी की मूर्ति स्थापित कर मंदिर बनवाया था, जिसमें लोग पूजा कीर्तन करते थे। 13वीं शताब्दी में फिरोज शाह तुगलक ने जौनपुर पर आक्रमण किया। जौनपुर पर अपना आधिपत्य स्थापित कर लिया।
उसने अटला देवी मंदिर की भव्यता देखकर उसमें तोड़फोड़ कराया। हिंदू धर्मावलंबी के प्रबल विरोध के कारण पूरी तरह तोड़ नहीं पाया और मंदिर के खंभों पर ही मस्जिद का आकार दिया जो वर्तमान में अटाला मस्जिद है जहां इस्लाम धर्म के लोग नमाज इत्यादि करते हैं। सनातन धर्म के व्यक्तियों का वहां प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया। 1408 में शर्की शासक इब्राहिम शाह ने पुनः मंदिरों को मस्जिद का मुकम्मल आकार दिया।
अटाला मस्जिद अटला देवी का मंदिर है, यह तथ्य इतिहासकार अबुल फजल की रचना आईने अकबरी एवं रचनाओं में पूर्णतया स्पष्ट है मंदिर के खंभों इत्यादि पर आज भी हिंदू स्थापत्य व वास्तुकला तथा हिंदू रीति रिवाज के चिन्ह एवं अवशेष मौजूद है। सनातन धर्मावलंबियों को वहां पूजन कीर्तन करने का अधिकार है।
Discussion about this post