बीएनपी न्यूज डेस्क। घरेलू शेयर बाजारों की चाल मुख्य रूप से इस वीक वैश्विक बाजार और विदेशी संस्थागत निवेशकों के रुझानों तथा कोविड के नए स्वरूप ओमीक्रोन की दर से प्रभावित होगी। विश्लेषकों के अनुसार कमजोर वैश्विक संकेतों के चलते पिछले सप्ताह बाजार दबाव में रहा और पूरे सप्ताह निवेशकों की धारणा कमजोर रही। किसी सकारात्मक संकेत के न होने और ओमीक्रोन के बढ़ते मामलों से बाजार पर दबाव जारी रहने की आशंका है। पिछले सप्ताह के दौरान बीएसई सेंसेक्स 1,774.93 अंक या 3.01 प्रतिशत टूट गया था, जबकि शुक्रवार को इसमें 889 अंक की गिरावट हुई।
एक्सपर्ट के बताए यह फॉर्मूले ऑमिक्रॉन वैरिएंट से बाजार में आए उतार-चढ़ाव में भी आपको बचाएंगे भारी नुकसान से
कोरोना संक्रमण का असर कम ही हो रहा था कि ऑमिक्रॉन के बढ़ते मामलों ने एक बार फिर बाजार को चिंता में डाल दिया है। पिछले कुछ दिनों में ऑमिक्रॉन का असर मार्केट पर देखा जा सकता है। नए वेरिएंट के आने से और दुनिया में इसके तेजी से फैलने को देखते हुए एक बात तो साफ़ हो गयी है कि इस महामारी से उबरने में अभी और वक़्त लगेगा इसके कारण शेयर बाजार में भी अस्थिरता आ गयी है। इन चिंताओं के बाद पिछले हफ्ते सेंसेक्स और निफ्टी में बड़ी गिरावट देखने को मिली। वायरस के संक्रमण को बढ़ने से रोकने के लिए उठाए कदमों से तेजी से आर्थिक सुधार आने में और समय लग सकता है, इससे शेयर बाजार को नुकसान पहुंच सकता है। ऑमिक्रॉन के बढ़ते खतरे को देखते हुए निवेशकों के मन में संदेह हो गया है, अभी वह नहीं समझ पा रहे कि यह नया वैरिएंट कॉरपोरेट आय को कैसे प्रभावित करेगा। इसका सीधा असर बाजार पर दिख रहा है, शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव बढ़ रहा है। जब तक इस नए वैरिएंट के प्रभाव के बारे में नहीं पता चलता, तब तक शेयर बाजार निवेशकों को परेशान करेगा।
निवेशकों को यह स्थिति इक्विटी निवेश को बेचने की तरफ आकर्षित करती है, उन्हें लगता है बेचकर नकदी रखना ज़्यादा फायदेमंद होगा। लेकिन ऐसा करने से पहले सोचिए अगर शेयर बाजार पर इन बातों को ज्यादा असर नहीं पड़ा और आगे बढ़ता रहा, तो आपको नुकसान होगा, इसलिए जल्दीबाजी में निर्णय न लें।
आपके मन में एसआईपी किस्तों को रोकने का ख्याल भी आ सकता है, लेकिन ऐसा न करें क्योंकि बाजार में तेजी आती है, तो आपको फिर ऊंची कीमतों पर इक्विटी/म्यूचुअल फंड खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
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