BNP NEWS DESK। Subhash Chandra Bose मंदिरों के शहर काशी में भारत के महानायक नेताजी सुभाष चन्द्र बोस का मंदिर है जहाँ राष्ट्रदेवता के रूप में सुबह शाम उनकी पूजा आरती होती है। फौज और पुलिस में भर्ती होने वाले युवा सुभाष मन्दिर में दर्शन कर मन्नत मांगते हैं। अब विशाल भारत संस्थान एवं अखण्ड हिन्द फौज ने संयुक्त तत्वाधान में हर मन तक सुभाष, अखण्ड भारत के जन–जन तक सुभाष का अभियान काशी से शुरू किया है।
Subhash Chandra Bose 12 से 17 साल के युवाओं में देशभक्ति की भावना विकसित करने एवं सेना को कैरियर बनाने हेतु प्रशिक्षित करने हेतु अखण्ड हिन्द फौज का गठन हुआ है। नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के आदर्शों पर चलने वाली इस फौज ने बेटियों को भी प्रशिक्षित किया है। विशाल भारत संस्थान और अखण्ड हिन्द फौज मिलकर 20 हजार युवाओं को सुभाष के विचारों को प्रसारित करने हेतु प्रशिक्षित करेगा।
अभियान शुभारम्भ के मुख्य अतिथि एटीएस के डिप्टी एसपी विपिन राय, विशिष्ट अतिथि रोहनिया के एसीपी विदुष सक्सेना, कार्यक्रम के अध्यक्ष महंत बालक दास जी महाराज को अखण्ड हिन्द फौज के सैनिकों ने डिविजनल कमाण्डर विमल तिवारी के नेतृत्व में अगवानी की एवं गार्ड ऑफ ऑनर दिया।
विपिन राय एवं विदुष सक्सेना ने सुभाष मन्दिर में पुष्प अर्पित कर एवं दीपोज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर अतिथियों को नेताजी सुभाष स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
सुभाष भवन में उपस्थित सैकड़ों युवा देशभक्ति की भावना से भरे थे
सुभाष भवन में उपस्थित सैकड़ों युवा देशभक्ति की भावना से भरे थे। भारत माता की जय और जय सुभाष के नारे से पूरा लमही गांव गूंज उठा। महिला बटालियन का आत्मविश्वास देश की सुरक्षा की गारंटी देने वाला था। अखण्ड हिन्द फौज ने नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के उस फौज की याद दिला दी जिसने इस देश को आजाद कराया था।
सुभाष भवन में स्थापित सुभाष मन्दिर आज जय हिन्द, जय सुभाष के नारे से गूंज गया
मंच पर दो महान कूटनीतिज्ञ आचार्य चाणक्य एवं नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के साथ अखण्ड भारत की तस्वीर भारत के पुराने वैभव की याद दिला रही थी। सुभाष भवन में स्थापित सुभाष मन्दिर आज जय हिन्द, जय सुभाष के नारे से गूंज गया। वर्दी में नेताजी को सलामी देकर युवाओं ने बता दिया कि वे सुभाष पथ के अनुगामी है।
अखण्ड हिन्द फौज और विशाल भारत संस्थान के देशसेवकों ने संयुक्त रुप से सुभाष मन्दिर से प्रेमचन्द स्मृति द्वार तक रुट मार्च कर नेताजी सुभाष के देशभक्ति के साथ अखण्ड भारत के पुनर्निर्माण का संदेश दिया।
असहायों, वृद्धों, पीड़ितों की सेवा और किसी भी आपदा के समय अपने देशवासियों की मदद के लिए भी विशाल भारत संस्थान के नेतृत्व में यह फौज काम करेगी। लोगों के दिलों को जोड़ने निकली अखण्ड हिन्द फौज ने शांति और एकता का संदेश लोगों तक पहुंचाया।
विशाल भारत संस्थान की राष्ट्रीय महासचिव डॉ० अर्चना भारतवंशी ने संस्थान का परिचय दिया और हर मन तक सुभाष अभियान का संकल्प पत्र प्रस्तुत किया।
विशाल भारत संस्थान की नेशनल कोऑर्डिनेटर एवं सुभाषवादी चिंतक दीदी आभा भारतवंशी ने बताया कि नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ने आजाद हिन्द फौज के सैनिकों को आध्यात्मिक प्रशिक्षण दिया। महिला रेजिमेंट को शामिल किया। नेताजी ने कहा कि मुझे भारतीय महिलाओं का भी दल चाहिए जो वीरांगना झांसी की तरह युद्ध में तलवार चला सकें।
06 जुलाई 1944 को नेताजी सुभाष ने गांधी जी से रंगून रेडियो के माध्यम से अपील की कि देश की आजादी की आखिरी लड़ाई शुरू हो चुकी है। यह संघर्ष भारत से अंग्रेजों को निकाल फेंकने और नई दिल्ली के वायसराय हाउस पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने तक चलता रहेगा। आजाद हिन्द फौज के 26 हजार सैनिकों की कुर्बानी ने देश को आजादी दिलाई।
नेताजी की वजह से अंग्रेजी सेना में विद्रोह हुआ जिसके चलते अंग्रेजों को भारत छोड़ना पड़ा। आज सुभाष के इतिहास को घर–घर तक पहुंचाने की जरूरत है। सुभाष के साथ छल हुआ, आज सुभाष होते तो भारत का विभाजन नहीं होता। अब देश के युवा अखण्ड भारत का संकल्प पूरा करेंगे।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विपिन राय ने कहा कि युवाओं का अनुशासन और देशभक्ति ही अपने भारत को महान बनाएगा। युवा मन ने अगर नेताजी सुभाष के विचारों को स्वीकार कर लिया है तो भारत के आंतरिक सुरक्षा और शांति की पूरी गारंटी है।
विशिष्ट अतिथि एसीपी विदुष सक्सेना ने कहा कि महिला शक्ति वर्तमान की जरूरत है। नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ने 1945 में ही विश्व की पहली महिला सेना बनाकर देश की आजादी में उनकी भूमिका तय कर दी थी। आज महिलाएं सेना और पुलिस में बहुत बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं।
अध्यक्षता करते हुए महंत बालक दास जी महाराज ने कहा कि देश को सुभाषवादी नौजवानों की जरूरत है। आंतरिक शांति के लिये प्रत्येक नौजवान को सैन्य प्रशिक्षण लेना अनिवार्य कर देना चाहिये। अब रामकथा के साथ देश के वीरों की कथा जगह–जगह सुनाई जानी चाहिये।
कार्यक्रम का संचालन खुशी रमन भारतवंशी ने किया एवं धन्यवाद सुभाषवादी नेता नजमा परवीन ने दिया।
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Subhash Chandra Bose
Subhash Chandra Bose मंदिरों के शहर काशी में भारत के महानायक नेताजी सुभाष चन्द्र बोस का मंदिर है जहाँ राष्ट्रदेवता के रूप में सुबह शाम उनकी पूजा आरती होती है।
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