Bnp news desk। Aditya L-1 सूर्य का अध्ययन करने के लिए 15 लाख किलोमीटर की यात्रा कर रहे “आदित्य” ने सेल्फी खींचकर संदेश भेजा है कि वह पूरी तरह से फिट है। उसने पृथ्वी और चंद्रमा की तस्वीरें भी खीचीं हैं। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने गुरुवार को सेल्फी और तस्वीरें जारी कीं। यह आदित्य-एल1 के कैमरे द्वारा ली गई पहली तस्वीर है।
इसरो ने “आदित्य” के कैमरे द्वारा खीचीं गईं पृथ्वी और चंद्रमा की तस्वीरें भी साझा कीं
Aditya L-1 इसरो ने एक्स पर पोस्ट किया, सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के लैग्रेंज प्वाइंट 1 (एल-1) पर जाने के लिए सफर कर रहे आदित्य एल1 ने सेल्फी ली है। तस्वीरों में विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ (वीईएलसी) और सोलर अल्ट्रावायलेट इमेजिंग टेलीस्कोप (एसयूआइटी) पेलोड दिख रहे हैं। इसरो ने “आदित्य” के कैमरे द्वारा खीचीं गईं पृथ्वी और चंद्रमा की तस्वीरें भी साझा कीं। आदित्य-एल1 पर लगे कैमरे ने चार सितंबर को ये तस्वीरें खीचीं थीं।
वीईएलसी को इंडियन इंस्टीट्यूट आफ एस्ट्रोफिजिक्स ने बनाया है, वहीं एसयूआइटी पेलोड को इंटर-यूनिवर्सिटी सेंटर फार एस्ट्रोनामी एंड एस्ट्रोफिजिक्स पुणे ने विकसित किया है। एल-1 की पास की कक्षा में पहुंचने के बाद वीईएलसी पांच साल तक प्रति दिन 1,440 तस्वीरें भेजेगा।
आदित्य” को पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र से बाहर पहुंचाया जाएगा
इससे पहले ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी-सी57) ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से दो सितंबर को “आदित्य” के साथ उड़ान भरी थी। इसके बाद से दो बार इसकी कक्षा बदली जा चुकी है। इस समय “आदित्य” जिस कक्षा में है उससे पृथ्वी की अधिकतम दूरी 40,225 किलोमीटर और न्यूनतम दूरी 282 किलोमीटर है।
चरणबद्ध तरीके से कक्षा बदलते हुए “आदित्य” को पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र से बाहर पहुंचाया जाएगा। इसके बाद क्रूज चरण शुरू होगा, जिसके बाद यह एल-1 की चारों ओर की कक्षा में प्रवेश करेगा। मिशन के तहत इसरो वेधशाला भेज रहा है। पांच साल के मिशन के दौरान “आदित्य” एल-1 से ही सूर्य का अध्ययन करेगा।
एल1 (लैग्रेंज प्वाइंट) अंतरिक्ष में स्थित वह स्थान है, जहां सूर्य और पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बल समान होता है। सोलर-अर्थ सिस्टम में पांच लैग्रेंज प्वाइंट्स हैं। आदित्य एल1 के पास जा रहा है। एल-1 बिंदु के पास की कक्षा में रखे गए सेटेलाइट से सूर्य को बिना किसी छाया के लगातार देखा जा सकेगा। सूर्य का अध्ययन करने के लिए “आदित्य” में सात पेलोड लगे हैं। इनमें से चार सूर्य प्रकाश का अध्ययन करेंगे और शेष तीन प्लाज्मा और चुंबकीय क्षेत्र को मापेंगे।
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Aditya L-1
Aditya L-1 सूर्य का अध्ययन करने के लिए 15 लाख किलोमीटर की यात्रा कर रहे "आदित्य" ने सेल्फी खींचकर संदेश भेजा है कि वह पूरी तरह से फिट है।
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