BNP NEWS DESK। Kasi-Tamil Sangamam गंगा स्नान, बाबा का ध्यान, सारनाथ में बुद्ध के ज्ञान का साक्षात्कार कर तमिल श्रद्धालुओं के पवित्र कार्तिक मास का प्रथम रविवार बन गया यादगार। काशी के ज्ञान-वैभव का प्रकाश, संस्कृति व अध्यात्म का उजास उनके अंतर में उतर आया।
‘हर-हर महादेव’ और ‘हर-हर गंगे’ का उद्घोष करती तरुणाई, आध्यात्मिक सत्ता के समक्ष श्रद्धाभाव से नतमस्तक नजर आई। Kasi-Tamil Sangamam में तमिलनाडु से आए छात्रों, श्रद्धालुओं व अन्य विशिष्ट अतिथियों ने पूरे दिन शिवमय काशी के दर्शन किए और विश्व के इस सबसे प्राचीन और पवित्र पवित्र नगरी का भ्रमण कर यहां के समृद्ध सांस्कृतिक इतिहास से परिचित हुए। अतिथियों का यह दल रामनगर दुर्ग पहुंचकर संग्रहालय में ऐतिहासिक धरोहरों को भी देखा।
पवित्र काशी यात्रा की स्मृतियों को अपने कैमरे के माध्यम से मोबाइल की गैलरी में सहेज ली
तमिल श्रद्धालुओं का पहला जत्था सुबह होते ही सिहरन उत्पन्न करती शीतल हवाओं के बीच गंगा तट पर पहुंचा। हनुमान घाट पर प्राची से उगते सूरज की गुनगुनी धूप का आनंद उठाते छात्र-छात्राओं ने गंगा की पावन धारा में गोते लगाए और तीर्थ पुरोहितों से चंदन का लेप करा, उनके आशीर्वाद लिए।
गंगा स्नान के बाद सभी पहुंचे काशी पुराधिपति बाबा विश्वनाथ् के दरबार, वहां ‘हर-हर महादेव’ का उद्घोष करते बाबा का दर्शन कर पुण्य लाभ प्राप्त किया। धाम के चौक पर सबने समूह में फोटो खिंचवाए, आद्य शंकराचार्य, महारानी अहिल्याबाई व भारत माता की प्रतिमा के पास सेल्फियां लीं और पवित्र काशी यात्रा की स्मृतियों को अपने कैमरे के माध्यम से मोबाइल की गैलरी में सहेज ली।
बुद्ध के प्रथम उपदेश स्थल का भ्रमण कर हजारों वर्ष प्राचीन इतिहास को जाना
मन्दिर से निकलकर श्रद्धालुओं का समूह तथागत की तपोस्थली सारनाथ पहुंचा। वहां सबने भगवान बुद्ध के प्रथम उपदेश स्थल का भ्रमण कर हजारों वर्ष प्राचीन इतिहास को जाना और धरोहरों को देखा। पुरातात्विक परिसर और मूलगंध कुटी विहार का अवलोकन कर सभी मुग्ध नजर आए।
तमिल श्रद्धालुओं का समूह काशी नरेश के दुर्ग भी पहुंचा
तमिल श्रद्धालुओं का समूह काशी नरेश के दुर्ग भी पहुंचा। वहां संग्रहालय में रखी धरोहरों के माध्यम से इतिहास जाना। वहां पहुंचने पर दुर्ग के कर्मचारी व डा.अनुपम गुप्ता, अशोक कुमार,किशन कन्नौजिया,जितेंद्र पाण्डेय, नंदलाल चौहान आदि भाजपा कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया।
तमिलनाडु से आए आरपी गोपीनाथ, कृष्णा परमात्मा ने बताया कि काशी वास्तव में अद्भुत है। वहां वे वेदव्यास का दर्शन कर निहाल हो गए। सायंकाल सभी इलेक्ट्रिक बस से मुख्य आयोजन स्थल एंफीथिएटर पहुंचे। वहां सजी सांस्कृतिक संध्या में सबने भरतनाट्यम, लोक संगीत, आदिवासी नृत्य, कथक आदि का आनंद उठाया।
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Kasi-Tamil Sangamam
गंगा स्नान, बाबा का ध्यान, सारनाथ में बुद्ध के ज्ञान का साक्षात्कार कर तमिल श्रद्धालुओं कार्तिक मास रविवार बन गया यादगार।
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