Bnp News Desk। PM Narendra Modi प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऊपर होने वाले खर्च को लेकर एक आरटीआई दायर की गई थी। जिसका जवाब प्रधानमंत्री कार्यालय के सचिव बिनोद बिहारी सिंह ने दिया है। इसमें कुछ हैरान कर देने वाली जानकारियां भी सामने आई हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक नरेंद्र मोदी अपने खाने का खर्च खुद वहन करते हैं। इसके लिए भारत सरकार की ओर से एक रुपये भी आवंटित नहीं किया जाता है। आरटीआई से इस बात की भी जानकारी मिली है कि मोदी अपने किचन का खर्च खुद ही उठाते हैं. मोदी का कहना है कि यह उनका निजी खर्च है इसलिए इसमें सरकारी अकाउंट अकाउंट का पैसा नहीं लगना चाहिए।
PM Narendra Modi की निजी जिंदगी लाखों लोगों के लिए रुचि और रहस्य का विषय है। उनके दिन का रुटीन क्या है? वो क्या खाते हैं? कैसे रहते हैं? पढ़े कितना हैं? कौन सा फोन यूज करते हैं? ये सभी सवाल सूचना के अधिकार कानून के तहत पूछे गए हैं।
RTI के जवाब में आगे बताया गया कि प्रधानमंत्री आवास (पीएम हाउस) की देखरेख केंद्रीय लोक निर्माण विभाग द्वारा की जाती है। वहीं पीएम की सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप यानी एसपीजी के पास है, ऐसे में उनकी सभी गाड़ियों की देखरेख एसपीजी ही करती है। इसके अलावा आरटीआई में पीएम की सैलरी को लेकर भी जानकारी मांगी गई थी, लेकिन पीएमओ ने नियमों का हवाला देते हुए इसको बताने से इनकार कर दिया। हालांकि उनकी ओर से सिर्फ वेतनवृद्धि नियमानुसार किए जाने की जानकारी दी गई है।
जब संसद की कैंटिन में किया भुगतान
आपको बता दें कि 2 मार्च 2015 को पीएम मोदी अचानक संसद की कैंटीन में पहुंच गए थे। इसके बाद उन्होंने वहां पर सामान्य लोगों की तरह खाना खाया और फिर आरओ से पानी लेकर पीया। उस दौरान पीएम मोदी के खाने का बिल 29 रुपये आया था। जिसका भुगतान उन्होंने खुद किया। वहीं बाद में संसदीय कैंटीन में बड़ा बदलाव हुआ, जिसके तहत वहां पर मिलने वाली सब्सिडी खत्म कर दी गई। इससे सरकार को सालाना करोड़ों रुपये की बचत होती है।
नरेंद्र मोदी सरकार ने पिछले साल अपने प्रचार पर रोजाना करीब 2 करोड़ रुपये खर्च किए। आरटीआई के तहत मिली जानकारी के अनुसार मोदी सरकार ने पिछले वित्त वर्ष में अखबारों, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और होर्डिंग्स आदि में विज्ञापनों के माध्यम से करदाताओं के लगभग 713.20 करोड़ रुपये खर्च किए।
सरकार की तरफ से यह राशि खुद के प्रचार पर खर्च की गई। मुंबई के रहने वाले आरटीआई एक्टिविस्ट जतिन देसाई ने आरटीआई के तहत इस संबंध में जानकारी मांगी थी। इस आरटीआई के जवाब में सूचना और प्रसारण मंत्रालय के तहत ब्यूरो ऑफ आउटरिच एंड कम्यूनिकेशन ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा 2019-2020 के बीच विज्ञापनों पर औसतन प्रति दिन 1.95 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे।
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PM Narendra Modi प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक नरेंद्र मोदी अपने खाने का खर्च खुद वहन करते हैं। इसके लिए भारत सरकार की ओर से एक रुपये भी आवंटित नहीं किया जाता है
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