बीएनपी न्यूज डेस्क। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में महाशिवरात्रि पर्व की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। श्रद्धालुओं के साथ इस बार बाबा भी रतजगा करेंगे। मंदिर का कपाट 1 मार्च की भोर में खुलेगा तो दर्शन-पूजन का क्रम अगले दिन तक जारी रहेगा। इस दौरान आरती व भोग के लिए थोड़े-थोड़े वक्त के लिए श्रद्धालुओं का मंदिर में प्रवेश नहीं होगा। मंदिर प्रशासन की ओर से दर्शन-पूजन के लिए प्रवेश और निकास के अलग-अलग मार्ग का खाका खिंचा जा रहा हैं। लाइटिंग की व्यवस्था भी की जा रही है। श्रद्धालुओं को असुविधा ना हो इसलिए मंदिर प्रशासन की ओर से पेयजल, पब्लिक ऐड्रेस सिस्टम सहित कई अन्य सुविधाओं की भी व्यवस्था की जा रही है। पहली बार श्रद्धालुओं को विश्वनाथ धाम के रास्ते मंदिर में प्रवेश देने की योजना तैयार की जा रही है। मैदागिन और गोदौलिया से आने वाले वृद्ध और दिव्यांगजनों के लिए ई रिक्शा संचालित किया जाएगा। जगह-जगह पेयजल और लाकर की सुविधा उपलब्ध होगी। सुगम दर्शन का टिकट शिवरात्रि के एक दिन पहले की शाम तक श्रद्धालु ऑनलाइन या काउंटर पर जाकर ले सकेंगे। ज्ञानवापी एसपी ने श्रद्धालुओं से अपील किया है कि श्रद्धालु अपना कैमरा, मोबाइल, पेन, इलेक्ट्रानिक घड़ी, हेडफोन, किसी भी प्रकार का तंबाकू उत्पाद सहित अन्य प्रतिबंधित चीजों को लेकर न आएं।
ये होगा आरती का समय
मंगला आरती
-1 मार्च मंगलवार को भोर में 2.15 बजे आरंभ होगी।
-3.15 बजे आरती समाप्त होगी।
-3.40 बजे से श्रद्धालुओं को दर्शन हेतु मंदिर का कपाट खुल जाएगा।
मध्याह्न भोग आरती
-दोपहर 12.00 बजे से पूजा आरंभ होगी
-12.30 बजे समाप्त होगी
चार प्रहर की आरती
-प्रथम प्रहर की आरती 10.50 से शुरू होकर रात्रि 12.30 बजे तक चलेगी।
-द्वितीय प्रहर की आरती 1 मार्च और 2 मार्च की मध्य रात्रि में 1.20 बजे शुरू होकर 2.30 बजे समाप्त होगी।
-तृतीय प्रहर की आरती भोर में 2.55 से 4 बज कर 25 मिनट तक चलेगी।
-चतुर्थ प्रहर की आरती बुधवार की सुबह 4.55 से शुरू होकर 9.15 तक चलेगी
(नोट : इस दौरान श्रद्धालुओं के झांकी दर्शन की व्यवस्था निरंतर चलती रहेगी)
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