बीएनपी न्यूज डेस्क। पूर्वांचल की चर्चित विधानसभा मऊ सदर पर विधायक मुख्तार अंसारी इस बार विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगे। उन्होंने विरासत में अपनी सीट पर अपने बेटे अब्बास अंसारी को लड़ाने का फैसला लिया है। इसके तहत अब्बास अंसारी कलेक्ट्रेट सभागार में सदर विधानसभा के आरओ के यहां नामांकन दाखिल कर चुके हैं। दूसरी तरफ मुख्तार अंसारी के गाजीपुर से एमएलसी चुनाव लड़ने की चर्चाएं अब जोर पकड़ने लगी है। नामांकन प्रक्रिया शुरू होने के पहले दिन उनके अधिवक्ता दारोगा सिंह ने कोर्ट से सारी प्रक्रियाएं पूरी करवाई थी। कोर्ट से 22 सदस्यीय टीम को बांदा जेल जाने की हरी झंडी भी मिल गई थी। सभी की आइटीपीसीआर जांच की जा रही थी। मुख्तार के अलावा बेटे अब्बास का भी सुभासपा से नामांकन पत्र लिया गया था। सोमवार को अचानक रणनीति बदली और मुख्तार के अधिवक्ता दारोगा सिंह उनके बेटे अब्बास अंसारी के साथ नामांकन दाखिल करने पहुंच गए। इस बीच उन्होंने ऐलान किया कि अब मुख्तार अंसारी की सीट सदर विधानसभा सीट पर केवल अब्बास अंसारी ही चुनाव लड़ेंगे। अचानक मुख्तार अंसारी द्वारा सदर सीट को वरासत में बेेटे को दिए जाने से चर्चाएं तेज हो गई है। बता दें कि 2017 के विधानसभा चुनाव में बसपा से मुख्तार अंसारी ने 356 मऊ सदर विधानसभा से चुनाव लड़ा था तो उनके बड़े बेटे अब्बास अंसारी ने बसपा से ही घोसी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा। बिहार के राज्यपाल फागू चौहान की परंपरागत सीट पर पहली बार मुख्तार घराने ने मजबूत दस्तक दी थी। इस चुनाव में बसपा के प्रत्याशी अब्बास अंसारी 81,295 मत पाकर दूसरे स्थान पर रहे। वहीं इस चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी फागू चौहान को 88,298 वोट पाकर जीत हासिल किए थे। इस बार घोसी विधानसभा सीट पर भाजपा से सपा में आए मंत्री दारासिंह चुनाव लड़ रहे हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में मजबूत दस्तक देने व दूसरे नंबर पर रहने वाले अब्बास को इस बार टिकट नहीं मिला है। इधर सदर सीट से विधायक मुख्तार अंसारी लगातार पांच जीत दर्ज कर चुके हैं। छठवीं बार सुभासपा के बैनर तले उनके बेटे मैदान में उतर चुके हैं। यह पहला मौका होगा जब मुख्तार अंसारी सदर विधानसभा से चुनाव नहीं लड़ेंगे।
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