बीएनपी न्यूज डेस्क। कड़ाके की पड़ रही ठंड ने बुधवार को और गंभीर रूप धारण कर लिया। 13 किमी प्रति घंटा के वेग से पश्चिमोत्तर दिशा से चल रही बर्फीली हवा ने पूरे वातावरण को अपनी कैद में जकड़ लिया है। पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव का हाल यह कि आसमान बादलों से घिरा है तो धरा से नभ तक 97 फीसद आर्द्रता के चलते कोहरे का वातावरण छाया रहा। स्थिति यह हो गई कि सुबह के समय दृश्यता महज 100 मीटर तक रह गई थी। पूरे दिन सूर्य के दर्शन नहीं हुए, महज कुछ पलों को छोड़कर। नतीजा पारा ने जबर्दस्त गोता लगाया और अधिकतम और न्यूनतम तापमान दोनों में 2.5 डिग्री सेल्सियस की बेतहाशा गिरावट दर्ज की गई और न्यूनतम तापमान तो पांच डिग्री सेल्सियस तक जा पहुंचा। अधिकतम तापमान भी 15 डिग्री सेल्सियस पर ही सिमट गया। पड़ रही भीषण ठंड के चलते जनमानस के हाड़ कांप उठे तो पशु-पक्षी भी अपने आशियाने से से बाहर नहीं निकलने की हिम्मत जुटा सके।
21 जनवरी तक पहुंचने वाला पश्चिमी विक्षोभ करा सकता बारिश
वरिष्ठ मौसम विज्ञानी प्रो. एसएन पांडेय बताते हैं पश्चिम से चल रही बर्फीली हवाएं शीतलहर बनकर गलन बरपा रही हैं। इस तरह धूप, कोहरा और भीषण गलन युक्त मौसम अभी तीन दिनों तक बना रहेगा। यह 16 जनवरी को जम्मू-कश्मीर पहुंचे विक्षोभ ने इसमें और बढ़ोतरी कर दी है। इस इलाके में बादल छाने लगे हैं। इसके बाद 19 जनवरी को जो पश्चिमी विक्षोभ जम्मू-कश्मीर पहुंचेगा, उसका प्रभाव शायद 21 जनवरी तक इधर देखने को मिले। उसके प्रभाव से छाए बादल बारिश भी करा सकते हैं। इसके बाद मौसम का स्वरूप और बदरंग हो सकता है।
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