बीएनपी न्यूज डेस्क। भारत के रियल एस्टेट उद्योग ने 2020 की मंदी को पीछे छोड़ते हुए इस साल मकानों की बिक्री में 50 प्रतिशत से अधिक वृद्धि दर्ज की और कारोबारियों को उम्मीद है कि नए साल 2022 में जोरदार मजबूती देखने को मिलेगी। भारतीय रियल एस्टेट क्षेत्र में इस साल पुनरुद्धार के लिए एक मजबूत नींव रखी गई, जिसके 2030 तक 1,000 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। महामारी से पहले उद्योग का आकार 200 अरब डॉलर था। वर्ष 2021 में उद्योग ने प्रतिष्ठित डेवलपर्स के प्रति मांग बढ़ने, समय से मकान तैयार करने, ग्राहकों द्वारा बड़े और अच्छे घरों की मांग और बिल्डरों द्वारा डिजिटल तकनीकों को तेजी से अपनाने जैसे कुछ रुझान देखने को मिले।
आवासीय बाजार में जनवरी-मार्च के दौरान बिक्री मजबूत थी। इसमें आवास ऋण के लिए ब्याज दरों में ऐतिहासिक कमी और कुछ राज्यों द्वारा स्टांप शुल्क में कमी की प्रमुख भूमिका रही। हालांकि, कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान रियल एस्टेट सहित अर्थव्यवस्था के लगभग हर क्षेत्र में मांग प्रभावित हुई। सितंबर तिमाही के दौरान लगभग सभी बड़े सूचीबद्ध डेवलपर्स ने अपनी बुकिंग बिक्री में तेज वृद्धि दर्ज की, जिससे रियल्टी शेयरों में तेजी आई। इस दौरान ज्यादातर मांग ऐसे बिल्डरों के पास देखने को मिली, जो प्रतिष्ठित और भरोसेमंद हैं। क्रेडाई के अध्यक्ष हर्षवर्धन पटोदिया ने पीटीआई-भाषा से कहा, रियल एस्टेट के लिए 2021 सफल वर्ष रहा, क्योंकि उद्योग ने लचीलेपन, नवाचार और बेहतर प्रदर्शन के साथ वापसी की। उन्होंने कहा, ‘‘हम मानते हैं कि 2022 रियल एस्टेट क्षेत्र का वर्ष होगा।
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