BNP NEWS DESK। Atul Subhash Case एआई इंजीनियर अतुल सुभाष आत्महत्या के मामले में हर दिन कुछ न कुछ बातें सामने आ रही हैं। मौत को गले लगाने से पहले अतुल ने कमरे में चिपकाए चेक लिस्ट के पहले एक पन्ने पर बड़े-बड़े अक्षरों में जस्टिस इज ड्यू लिखा था, जबकि उसके बराबर में चिपके दूसरे पन्ने पर बेहद छोटे-छोटे अक्षरों में 32 कामों की एक ऐसी लिस्ट थी, जिसे मौत को गले लगाने से पहले अतुल को पूरा करना था।
फाइनल टास्क बिफोर मुक्ति
अतुल ने चेकलिस्ट के सबसे ऊपर फाइनल टास्क बिफोर मुक्ति लिखा था। अतुल ने 32 टास्क को तीन अलग-अलग हिस्सों में बांटा था। पहले हिस्से का नाम उसने बिफोर लास्ट डे यानी आखिरी दिन से पहले रखा था और दूसरे हिस्से का नाम लास्ट दे रखा था, जबकि तीसरे हिस्से का नाम एग्जीक्यूट लास्ट मोमेंट यानी आखिरी पल वाले काम रखा था।
इस फाइनल टास्क में अतुल की जिंदगी के आखिरी दो दिनों के सारे कामों की लिस्ट थी। इस फाइनल टास्क के आगे अतुल ने एक कालम या खाना बना रखा था, जिसमें वह जो भी काम जैसे-जैसे होता गया उसके आगे या तो टिक लगता गया है वह डन लिखता गया।
उसने आठ कामों के आगे डन लिखा था, जबकि 24 कामों के आगे टिक लगाई थी। टास्क के आखिरी हिस्से में यानी 32 वां काम नहाना था।नहाने के पहले टास्क का 31 वें काम में उसने 108 बार शिव नाम का जाप किया था। इसके बाद कमरे की सारी खिड़कियां खोल दिया व दरवाजा बंद कर दिया। उसके 33 वें टास्क पर कोई टिक नहीं लगा था, क्योंकि वह फांसी लगाने वाला टास्क था।
वसूली के मुकदमे में अधिवक्ता ने दिया स्थगन प्रार्थना पत्र
अतुल खुदकुशी मामले में बेटे व्योम को 40 हजार रुपये भरण पोषण देने के आदेश के बाद धनराशि की वसूली के लिए किए गए मुकदमे में निकिता सिंघानिया के अधिवक्ता ने सोमवार को परिवार न्यायालय कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया।
बताया कि निकिता गिरफ्तार होकर जेल में बंद है। इस कारण आज न्यायालय में उपस्थित नहीं हो सकीं। आज की कार्यवाही स्थगित कर कोई अन्य तारीख दिया जाना आवश्यक है। कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 29 जनवरी नियत किया।
बता दें कि 29 सितंबर 2024 को परिवार न्यायालय की प्रधान न्यायाधीश रीता कौशिक ने पत्नी निकिता सिंघानिया व पुत्र व्योम द्वारा पति अतुल सुभाष के खिलाफ किए गए भरण पोषण के मुकदमे में निकिता के संबंध में प्रार्थना पत्र निरस्त कर दिया। अतुल को आदेश दिया कि प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करने की तिथि 19 जनवरी 2022 से 40 हजार रुपये प्रतिमाह पुत्र व्योम के भरण पोषण के लिए उसके व्यस्क होने तक मां निकिता को अदा करें।
उधर, अतुल के अधिवक्ता अवधेश तिवारी ने पूर्व में ही बताया है कि अतुल की मृत्यु के बाद भरण पोषण वसूली का यह फौजदारी का मुकदमा नहीं चलेगा। फौजदारी के मुकदमे में मृत्यु के बाद मुकदमा समाप्त हो जाता है।
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