BNP NEWS DESK। Gyanvapi ज्ञानवापी में मुस्लिमों के प्रवेश पर रोक और वहां पूजा-पाठ की अनुमति देने की मांग को लेकर भगवान अविमुक्तेश्वर विराजमान की ओर से हिंदू सेना के अजीत सिंह व विष्णु गुप्ता द्वारा दाखिल मुकदमे की सुनवाई मंगलवार को सिविल जज (सीनियर डिवीजन फास्टट्रैक) युगुल शंभू की अदालत में हुई। इसमें वादी पक्ष के वकील ने विपक्षियों की जवाबदेही का अवसर समाप्त करने की मांग की। अदालत ने सुनवाई के लिए अगली तिथि 25 अक्टूबर तय की है।
Gyanvapi वादी पक्ष के वकील मंगला पाठक व अभिषेक पाठक ने अदालत को बताया कि अभी तक मुकदमे में प्रतिवादी अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद (मस्जिद पक्ष) की ओर से जवाब दाखिल किया गया है। प्रदेश सरकार की ओर से जिलाधिकारी, कमिश्नर व श्रीकाशी विश्वनाथ ट्रस्ट की ओर से लिखित जवाब दाखिल नहीं किया गया।
उनका अवसर समाप्त करने की मांग को लेकर वादी पक्ष की ओर से दाखिल प्रार्थना पत्र अदालत में लंबित है। विपक्षियों को जवाब दाखिल करने लिए अदालत की ओर से कई अवसर दिए गए लेकिन उन्होंने जवाब दाखिल नहीं किया। इसलिए उनकी जवाबदेही का अवसर समाप्त किया जाना चाहिए। अदालत ने उनका पक्ष सुनने के बाद अगली सुनवाई के लिए तिथि कर दी।
Gyanvapi पं. सोमनाथ व्यास,रासरंग शर्मा, हरिहर पांडेय की ओर से वर्ष 1991 में दाखिल मुकदमे में पक्षकार न बनाए जाने पर सिविल जज (सीनियर डिवीजन फास्टट्रैक) के आदेश के खिलाफ लंबित हरिहर पांडेय के पुत्रों प्रणय कुमार पांडेय व कर्ण शंकर पांडेय की पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई विशेष न्यायाधीश (आवश्यक वस्तु अधिनियम) मनोज कुमार सिंह की अदालत में हुई।
वादमित्र विजय शंकर रस्तोगी ने आपत्ति जताते हुए कहा कि जिस मुकदमे (वाद संख्या 610 सन् 1991) में पक्षकार बनने के लिए आवेदन किया है वह प्रतिनिधित्व वाद है। इसमें वादी की मृत्यु के बाद उसके वारिस को पक्षकार नहीं बनाया जा सकता है। वादमित्र की आपत्ति पर जवाब देने के लिए दोनों भाइयों के वकील ने अदालत से अवसर मांगा जिसे मंजूर करते हुए अदालत ने 17 अक्टूबर की तिथि तय कर दी। हरिहर पांडेय की दस दिसंबर 2023 का निधन गया था। Gyanvapi
ज्ञानवापी मामले में लंबित पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई अपर जिला जज (एंटी करप्शन) अवधेश कुमार की अदालत में हुई। अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 30 अक्टूबर की तिथि तय की हैै। लोहता निवासी मुख्तार अहमद अंसारी समेत चार लोगों की ओर से दाखिल मुकदमे में सिविल जज (सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक) की अदालत ने लखनऊ की रंजना अग्निहोत्री, वाराणसी के पवन समेत छह लोगों को पक्षकार बनाने का आदेश दिया है। इसके खिलाफ वादी पक्ष की ओर से पुनरीक्षण याचिका दाखिल की गई है।
ज्ञानवापी में एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही के दौरान मिले शिवलिंग को आदि विश्वेश्वर बताते हुए पूजा-अर्चना, राग-भोग समेत अन्य धार्मिक कार्य करने की इजाजत देने की मांग को लेकर प्रतापगढ़ के शैलेंद्र योगीराज की ओर से दाखिल मुकदमे की सुनवाई आज सिविल जज सिनियर डिविजन हितेश अग्रवाल की अदालत में हुइ ।
अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 22 अक्टूबर की तिथि तय की है। वहीं ज्ञानवापी को लेकर बजरडीहा भेलुपुर के विवेक सोनी व चितईपुर के जयध्वज श्रीवास्तव की ओर से दाखिल मुकदमे की सुनवाई सिविल जज (सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक) की अदालत में हुई। मुकदमे की पोषणीयता पर अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद के वकील मुमताज ने पक्ष रखा।
अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 22 अक्टूबर की तिथि तय की है। 25 मई 2022 को याचिका दाखिल मुकदमे में गुहार लगाई है कि नंदीजी की मूर्ती के सामने स्थित आदि ज्योतिर्लिंग श्रीकाशी विश्वनाथ जिसे कूप बनाकर ढक दिया गया है के पूजा-पाठ, भोग प्रसाद, शयन आरती,मंगला आरती दुग्धाभिषेक आदि कार्य में विधि विरूद्ध तरीके से अवरोध डालने वालों को रोका जाए।
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ज्ञानवापी में मुस्लिमों के प्रवेश पर रोक और वहां पूजा-पाठ की अनुमति देने की मांग को लेकर भगवान अविमुक्तेश्वर विराजमान की ओर से हिंदू सेना के अजीत सिंह व विष्णु गुप्ता द्वारा दाखिल मुकदमे की सुनवाई मंगलवार को सिविल जज (सीनियर डिवीजन फास्टट्रैक) युगुल शंभू की अदालत में हुई।
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