BNP NEWS DESK। Aligarh News सात माह पहले दारोगा की पिस्टल से चली गोली से महिला की मृत्यु के बाद भी पुलिस ने सबक नहीं लिया। बुधवार देर रात एक और दारोगा ने उसी लापरवाही को दोहराया, जिसने हेड कांस्टेबल की जान ले ली। गोकशों की तलाश में गई दो थानों व एसओजी की संयुक्त टीम की दबिश के दौरान साथी दारोगा की पिस्टल लोड करने के दौरान चैंबर बीच में फंस गया।
दारोगा राजीव कुमार पिस्टल लेकर पेट से सटाकर अनलाक कर रहे थे।
दिमाग की झिल्ली फटने से हेड कांस्टेबल की मौके पर ही मृत्यु
तभी अचानक ट्रिगर दबने से गोली चल गई। गोली पेट को चीरते हुए पीठ की तरफ ऊपर की ओर पार निकली और पास में ही पीछे खड़े एसओजी के हेड कांस्टेबल याकूब खान की नाक में लगी। दिमाग की झिल्ली फटने से हेड कांस्टेबल की मौके पर ही मृत्यु हो गई। दारोगा को गंभीर हालत में जेएन मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया है। Aligarh News
उनकी छह जगह से आंत फट गई है। सिपाही याकूब के पिता व सेवानिवृत्त सब इंस्पेक्टर वशीउल्ला ने घटना पर सवाल उठाते हुए कहा कि सिर में गोली तभी लग सकती है, जब कोई मारे। ऐसा कैसे हो सकता है? इसकी जांच होनी चाहिए।
बुधवार रात करीब डेढ़ बजे गांव सुमेरपुर के पास पुलिस टीम गोकशों की तलाश कर रही थी। एहतियातन सभी ने पिस्टल को लोड कर लिया। तभी भरतरी चौकी प्रभारी अजहर हसन की पिस्टल लाक हो गई।
पोस्टमार्टम में सिपाही के दिमाग में गोली फंसी मिली
दारोगा राजीव ने यह कहते हुए पिस्टल ले ली कि मैं ठीक कर देता हूं। तभी यह हादसा हुआ। याकूब को वरुण ट्रामा सेंटर लाया गया, मगर रास्ते में मृत्यु हो गई। पोस्टमार्टम में सिपाही के दिमाग में गोली फंसी मिली। एसएसपी संजीव सुमन ने बताया कि पिस्टल को अनलाक करते समय दारोगा से गोली चली है। इससे हेड कांस्टेबल की मृत्यु हो गई।
दारोगा भी घायल है। प्रथमदृष्टया दारोगा की लापरवाही सामने आ रही है। हेड कांस्टेबल के स्वजन की तहरीर के आधार पर दारोगा के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत किया जाएगा। तहरीर नहीं मिलती है तो पुलिस की ओर से मुकदमा पंजीकृत कराया जाएगा। आंतरिक जांच भी कराई जाएगी।
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सात माह पहले दारोगा की पिस्टल से चली गोली से महिला की मृत्यु के बाद भी पुलिस ने सबक नहीं लिया। बुधवार देर रात एक और दारोगा ने उसी लापरवाही को दोहराया
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