BNP NEWS DESK। Vyas ji basement ज्ञानवापी स्थित व्यास जी के तहखाने में नियमित पूजा-अर्चना होगी। जिला जज ने यह आदेश व्यास जी के तहखाना को जिलाधिकारी को सौंपने व उसमें पूजा-पाठ का अधिकार देने की मांग को लेकर पं. सोमनाथ व्यास के नाती शैलेंद्र पाठक की ओर से दाखिल मुकदमे में बुधवार को दिया।
Vyas ji basement जिला जज डा. अजय कृष्ण विश्वेश ने वादी पक्ष की मांग को स्वीकार करते हुए तहखाने में स्थित मूर्तियों का वादी व काशी विश्वनाथ ट्रस्ट बोर्ड के द्वारा नाम निर्दिष्ट पुजारी से नियमित पूजा-पाठ, राग-भोग का आदेश दिया है।
सात दिन में इसका इंतजाम करने का आदेश जिलाधिकारी को दिया है। अदालत के आदेश पर ही व्यास जी के तहखाना को जिला प्रशासन ने अपनी अभिरक्षा में लिया है। Vyas ji basement
जिला जज ने अपने आदेश में कहा कि वादी पक्ष के वकील ने तर्क दिया था कि अदालत ने इसी मुकदमे में जिलाधिकारी को व्यास जी के तहखाना का रिसीवर नियुक्त किया है। जबकि इसी मुकदमे में पूजा-पाठ की मांग भी वादी की ओर से की गई थी। उनके इस तर्क से सहमत हूं।
मंदिर भवन के दक्षिण दिशा में स्थित तहखाने में मूर्ति की पूजा होती थी
वादी ने प्रार्थना पत्र में उल्लेख किया है कि मंदिर भवन के दक्षिण दिशा में स्थित तहखाने में मूर्ति की पूजा होती थी। दिसंबर 1993 के बाद पुजारी व्यास जी को उक्त प्रांगण के बैरिकेड वाले क्षेत्र में प्रवेश करने से रोक दिया गया। इस कारण तहखाने में होने वाला राग-भोग आदि रुक गया।
मूर्तियों की पूजा नियमित रूप से की जानी चाहिए
इस बात के पर्याप्त आधार हैं कि वंशानुगत आधार पर पुजारी व्यास जी ब्रिटिश शासन काल में भी वहां काबिज थे। उन्होंने दिसंबर 1993 तक वहां पूजा अर्चना की है। बाद में तहखाने का दरवाजा हटा दिया गया।
हिंदू धर्म की पूजा से संबंधित सामग्री, प्राचीन मूर्तियां और धार्मिक महत्व की अन्य सामग्री उक्त तहखाने में मौजूद हैं। मूर्तियों की पूजा नियमित रूप से की जानी चाहिए।
राज्य सरकार और जिला प्रशासन ने बगैर किसी विधिक अधिकार के तहखाने के भीतर पूजा रोक दी। बीते 17 जनवरी को अदालत ने जिलाधिकारी को तहखाना का रिसीवर नियुक्त कर दिया लेकिन तहखाना में पूजा-अर्चना संबंधी कोई आदेश पारित नहीं किया।
वादी की ओर से व्यास परिवार का वसीयतनामा व श्री काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट व वादी शैलेंद्र कुमार पाठक के बीच सेवइतनामा प्रस्तुत किया गया। इनका अवलोकन करने के बाद यह प्रतीत होता है कि रिसीवर जिला मजिस्ट्रेट को आदेश दिया जाए कि वह प्लाट संख्या 9130 (ज्ञानवापी) थाना चौक स्थित भवन के दक्षिण की तरफ स्थित तहखाने में वादग्रस्त संपत्ति वादी तथा काशी विश्वनाथ ट्रस्ट बोर्ड की ओर से निर्दिष्ट पुजारी से पूजा, राग-भोग, तहखाने में स्थित मूर्तियों का कराए और इस उद्देश्य के लिए सात दिन के भीतर लोहे की बाड़ आदि में उचित प्रबंध करे।
इसलिए जिला मजिस्ट्रेट वाराणसी-रिसीवर को निर्देश दिया जाता है कि वादी तथा काशी विश्वनाथ ट्रस्ट बोर्ड के द्वारा नाम निर्दिष्ट पुजारी से पूजा, राग-भोग तहखाना में स्थित मूर्तियों का कराएं और इसके लिए सात दिनों के भीतर उचित प्रबंध करें।
अदालत ने नहीं मानी मस्जिद पक्ष की दलील
मुकदमे में अदालत ने प्रतिवादी अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद (मस्जिद पक्ष) की दलीलों को स्वीकार नहीं किया। मस्जिद पक्ष की ओर से अदालत में दलील दी गई थी कि व्यास परिवार के किसी भी व्यक्ति ने कभी उक्त तहखाने में कोई पूजा नहीं किया है। दिसंबर 1993 के बाद पूजा से रोकने का सवाल ही नहीं उठता है। उक्त स्थान पर कभी कोई मूर्ति नहीं थी।
वादी का यह कहना असत्य है कि खानदानी पुजारी व्यास परिवार के लोग तहखाने पर काबिज थे। तहखाना अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद के कब्जे में चला आ रहा है। तहखाने में किसी देवी-देवता की मूर्ति नहीं थी। ऐसे में किसी रिसीवर को तहखाने में प्रबंध व पूजा कराने का निर्देश दिया जाना उचित नहीं है।
वर्ष 1936 के दीन मुहम्मद बनाम सेक्रेटरी आफ स्टेट के मुकदमे में भी व्यास परिवार के ऐसे किसी अधिकार का उल्लेख नहीं किया गया है। अदालत ने उन दलीलों को खारिज कर दिया और वादी पक्ष की मांग को स्वीकार कर लिया है।
कार्यकाल के अंतिम दिन जिला जज ने दिया आदेश
जिला जज के तौर पर डा. अजय कृष्ण विश्वेश के कार्यकाल का बुधवार को अंतिम दिन था। अपने विदाई समारोह से पहले दोपहर को उन्होंने मुकदमे का आदेश दिया। बीते साल 25 सितंबर को सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में दाखिल इस मुकदमे की सुनवाई वादी की मांग पर जिला जज कर रहे थे। बीते 17 जनवरी को इसी मुकदमे में जिलाधिकारी को व्यास जी के तहखाने का रिसीवर नियुक्त किया है।
The Review
Vyas ji basement
ज्ञानवापी स्थित व्यास जी के तहखाने में नियमित पूजा-अर्चना होगी।
Discussion about this post