बीएनपी न्यूज डेस्क। burnt alive in assam असम के नगांव जिले के एक गांव में कंगारू कोर्ट यानी गांव की अदालत के फैसले के बाद एक शख्स को जिंदा जला दिया गया। शख्स पर एक महिला की हत्या का आरोप था, जिसके बाद गांव के कुछ लोगों ने जन सुनवाई करते हुए उसे मौत की सजा सुनाई।
असम के नागांव जिले के एक गांव के लोगों ने पंचायत (कंगारू कोर्ट) लगाकर एक व्यक्ति को जिंदा जला दिया। पुलिस ने रविवार को बताया कि जिस व्यक्ति को जिंदा जलाया गया उस पर जादू टोना के लिए एक महिला की हत्या करने का आरोप था। उस व्यक्ति ने महिला की हत्या करने की बात स्वीकार कर ली थी।
पुलिस अधीक्षक लीना डोली ने कहा कि 35 वर्षीया रंजीत बोरदोलोइ को जलाकर मारने के आरोप में अभी तक तीन महिलाओं समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। यह घटना सामागुरी थाना के तहत बोर्लालुंगांव और ब्रह्मपुर बामुनी में शनिवार रात हुई।
22 वर्षीया महिला की हत्या को लेकर एक राइज मेल (सार्वजनिक सुनवाई) की गई। एक अन्य महिला द्वारा हत्या का गवाह होने का दावा करने के बाद मृत महिला का शव एक तालाब में पाया गया था। गवाह महिला ने बोरदोलोइ समेत पांच लोगों को उसकी हत्या करते देखा था।
अधिकारी ने कहा कि बोरदोलोइ को घर से खींच कर निकाला और पेड़ से बांध दिया। पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘उसे पहले पीटा गया और फिर जिंदा जला दिया गया। इसके बाद उसके झुलसे हुए शव को दफना दिया।शव बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
नगांव जिले के बोरलालुन गांव का यह पूरा मामला है। गांव में रहने वाली सबिता पातोर की 5 लोगों ने मिलकर हत्या कर दी थी। इसकी जांच कंगारू कोर्ट की तरफ से की जा रही थी। हत्या में कथित रूप से शामिल लोगों पर मुकदमा चलाया गया।
पेड़ से बांधकर पीटा फिर जिंदा जलाया
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि महिला की हत्या करने वाले आरोपी को ग्रामीण उसके घर से खींचकर लाए और एक पेड़ से बांधकर जमकर पीटा। इसके बाद उसे जिंदा जला दिया गया। ग्रामीणों ने झुलसे हुए शव को दफना दिया।
ग्रामीणों का कहना है कि रंजीत को इसीलिए मौत की सजा सुनाई गई, क्योंकि वह जादू-टोना करते हुए महिला की हत्या की थी।
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