BNP NEWS DESK। Nomophobia देश में चार में से तीन मोबाइल यूजर नोमोफोबिया (मोबाइल से दूर होने का डर) से पीड़ित हैं। यह बात ग्लोबल स्मार्टफोन डिवाइस ब्रांड ‘ओप्पो’ और काउंटरप्वाइंट ने शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट में कही।
Nomophobia रिपोर्ट के अनुसार, देश में 72 प्रतिशत स्मार्टफोन यूजर बैटरी 20 प्रतिशत अथवा उससे कम होने पर तनाव में आ जाते हैं तो 65 प्रतिशत यूजर बैटरी समाप्त होने पर भावानात्मक परेशानी से गुजरते हैं। ‘नोमोफोबिया: ला बैटरी एंजाइटी कंज्यूमर स्टडी’ शीर्षक वाली रिपोर्ट में यूजर के मस्तिष्क का अध्ययन किया गया है कि किस प्रकार कम होती मोबाइल की बैटरी उसके डर का प्रमुख कारण है।
ओप्पो इंडिया के सीएमओ दमयंत सिंह खानोरिया ने कहा,’ यह अध्ययन नोमोफोबिया की बारीकियों को समझने में मदद करेगा। इससे ओप्पो को समस्या के समाधान में मदद मिलेगी।’ रिसर्च डायरेक्टर तरुण पाठक ने कहा कि स्मार्टफोन हमारा संसार बन चुका है। हालांकि कई लोगों को फोन नहीं होने पर डर सताता है। यही कारण है कि लोग बैटरी कम होने अथवा फोन का प्रयोग नहीं कर पाने पर तनाव में आ जाते हैं। उन्होंने कहा कि बैटरी कम होने की चिंता 25 से 30 आयुवर्ग की अपेक्षा कामकाजी 31 से 40 आयुवर्ग के लोगों में अधिक होती है।
The Review
Nomophobia
Nomophobia देश में चार में से तीन मोबाइल यूजर नोमोफोबिया (मोबाइल से दूर होने का डर) से पीड़ित हैं।
Discussion about this post