BNP NEWS DESK। Bankebihari Corridor ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर कारिडोर पर गुरुवार को सुप्रीम निर्णय आ गया। पांच एकड़ भूमि में मंदिर के लिए भव्य और दिव्य गलियारा मिलेगा। सेवायतों की आपत्ति को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने गलियारा के लिए भूमि मंदिर के पैसे से ही खरीदने की अनुमति दे दी है। जो भूमि खरीदी जाएगी वह मंदिर ट्रस्ट के नाम पर पंजीकृत होगी।
मंदिर के कोष में जमा धन से ही भूमि खरीदने की अनुमति
Bankebihari Corridor वर्ष 2022 में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर मंगला आरती के दौरान भगदड़ में फंसकर दो श्रद्धालुओं की मृत्यु हो गई और कई की तबीयत बिगड़ गई थी। तब सरकार ने पांच एकड़ भूमि पर गलियारा बनाने का प्रस्ताव दिया था। सरकार ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर के कोष में जमा धन से ही भूमि खरीदना चाहती थी, लेकिन सेवायत विरोध कर रहे थे।
पिछले दिनों हाई कोर्ट ने गलियारा निर्माण को अनुमति दे दी थी।
सेवायतों ने इसके विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने यह निर्णय दिया है। उन्होंने गलियारा निर्माण के लिए मंदिर के आसपास की भूमि खरीदने के लिए मंदिर कोष से 500 करोड़ रुपये उपयोग करने की अनुमति दी है।
सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता सार्थक चतुर्वेदी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट किया है कि यह राशि केवल भूमि अधिग्रहण के लिए ही प्रयोग में लाई जाएगी। खरीदी गई पूरी भूमि मंदिर ट्रस्ट के नाम पर पंजीकृत होगी।
मंदिर के सिविल जज को निर्देशित किया गया है कि वह मंदिर प्रबंधन के लिए एक ऐसे रिसीवर की नियुक्ति करें, जो वैष्णव संप्रदाय से जुड़ा हो। वेदों और धार्मिक शास्त्रों को का गहन ज्ञान रखता हो। मंदिर के प्रशासनिक कार्यों में अनुभवी भी हो।
न्यायालय ने भी यह स्पष्ट किया है कि मंदिर के आंतरिक प्रबंधन में जिला प्रशासन या किसी भी सरकारी एजेंसी का कोई हस्तक्षेप नहीं होगा। मंदिर से संबंधित सभी निर्णय ट्रस्ट एवं नियुक्त रिसीवर द्वारा लिए जाएंगे। इससे पूर्व इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने नवंबर 2023 में मंदिर निधि से भूमि खरीदने के प्रस्ताव को निरस्त कर दिया था। लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने इस आदेश में संशोधन करते हुए महत्वपूर्ण निर्णय दिया है।
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