BNP NEWS DESK। Holi of Masane यह अतिशयोक्तिपूर्ण नहीं होगा कि काशी की सड़कों पर अड़भंगी बाबा शिव के गणों भूत-प्रेत-पिशाच, गन्धर्व, किन्नर ,नाग सभी एक साथ माता पार्वती का गौना करवाने गौना की शिव बारात में निकल पड़े हों और लग रहा हो कि साक्षात शिव भी मस्तमौले रूप में सबसे आगे माता को लिवाने के लिए जा रहे हों। ऐसा आभास उस समय प्रतीत हुआ जब हरिश्चंद्रघाट पर खेली जाने वाली मसाने की होली के पूर्व परम्परगत रूप में बाबा कीनाराम स्थल रवीन्द्रपुरी से हरिश्चंद्रघाट तक शोभायात्रा निकाली गई।
Holi of Masane काशी मोक्षदायिनी सेवा समिति की ओर से यह शोभायात्रा निकाली गई जो पूर्वाह्न 11 बजे निकली। उत्सव प्रेमी काशी की मस्ती का साक्षात रूप इस कदर असर दिखा रहा था लगभग दो किमी की दूरी तक पहुंचने में तीन घण्टे लग गए। गाजेबाजे के साथ शुरू हुई शोभायात्रा में हर-हर महादेव व खेले मसाने में होली गीत और उसपर नृत्य के विविध रूप बखूबी दिखाई पड़े। शोभायात्रा में शामिल प्रतिरूपों के करतब व नृत्य इतने लुभावने थे कि देशी- विदेशी भक्त सब उनके साथ शामिल होकर नृत्य भंगिमा में आ जा रहे थे।
कोई नरमुंड का प्रतिरूप धारण किए था तो कोई तो जिंदा सांप मुंह मे दबाए नृत्य करके लुभा रहा था। शोभायात्रा विजया चौराहा सोनारपुरा होते हरिश्चंद्रघाट तक जब पहुंची तो वहां पहले से खड़े शिव भक्तों ने स्वागत किया। शोभायात्रा का अवलोकन करने के लिए सड़क के दोनों किनारों पर अपार जनसमूह खड़ा था।
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