BNP NEWS DESK। Maha Kumbh देश-विदेश के श्रद्धालुओं के प्रमुख आकर्षण अखाड़े धीरे-धीरे महाकुंभ मेला क्षेत्र से विदा (वापस) होने लगे हैं। सेक्टर-20 स्थित अखाड़ों के शिविर में धर्मध्वजा उतारकर नए गंतव्य की ओर संत रवाना हो रहे हैं। शुक्रवार को शैव (संन्यासी) अखाड़े धर्मध्वजा उतारकर कढ़ी-पकौड़ी का भंडारा करेंगे। इसके बाद संत काशी जाएंगे। बड़ा उदासीन अखाड़ा की धर्मध्वजा भी शुक्रवार को उतारी जाएगी।
Maha Kumbh कुंभ-महाकुंभ में 13 अखाड़े मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या और वसंत पंचमी का अमृत स्नान करते हैं। कल्पवास 12 फरवरी माघी पूर्णिमा तक है और महाशिवरात्रि 26 फरवरी तक महाकुंभ चलेगा, लेकिन अमृत स्नान समाप्त होने के बाद अखाड़े मेला क्षेत्र छोड़ने लगे हैं। निर्मल व बड़ा उदासीन अखाड़ा के कुछ प्रमुख संतों ने चार फरवरी को मेला क्षेत्र छोड़ दिया। शैव अखाड़े जूना, निरंजनी, महानिर्वाणी, अटल, आनंद, आवाहन व अग्नि के संत प्रयागराज से काशी जाएंगे। शुक्रवार को शिविर में स्थापित धर्मध्वजा उतारी जाएगी।
वैरागी अखाड़े के संत भी धीरे-धीरे मेला क्षेत्र छोड़ रहे हैं, लेकिन उनकी धर्मध्वजा अभी नहीं उतारी जाएगी।
अयोध्या में हनुमानगढ़ी से जुड़े श्रीपंच निर्वाणी अनी अखाड़े के महंत राजू दास ने कहा कि अमृत स्नान के बाद संत अयोध्या और वृंदावन के लिए रवाना होने लगते हैं।
जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीमहंत नारायण गिरि ने बताया कि हमारा अखाड़ा सात फरवरी को ‘कढ़ी पकौड़ी’ भोज आयोजित करेगा, जिसके बाद संत ‘धर्मध्वजा’ की रस्सियां खोलकर काशी के लिए प्रस्थान करेंगे। काशी में महाशिवरात्रि तक रहेंगे। वहां काशी विश्वनाथ का दर्शन करके मसाने की होली खेलेंगे। आवाहन और अग्नि अखाड़ा के संत पहले कश्मीर जाएंगे।
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