BNP NEWS DESK। Ring Rail प्रयाग-अयोध्या-काशी रूट पर एक बार फिर से रिंग रेल दौड़ती नजर आएगी। रिंग रेल यानी जिस स्थान से ट्रेन शुरू होगी, वहीं पर घूमकर कुछ घंटों में वापस आ जाएगी। इस ट्रेन के संचालन के लिए प्रस्ताव तैयार है। इसे अब रेलवे बोर्ड को भेज जाएगा और स्वीकृति मिलते ही इसका संचालन पुन: शुरू हो जाएगा। इस ट्रेन का ट्रायल महाकुंभ में सफल हो चुका है और रेलवे के लिए यह बेहद लाभकारी भी रहा है।
Ring Rail प्रस्तावित पहली रिंग रेल प्रयागराज से सुबह छह बजे चलेगी, सुबह 8.10 बजे बनारस, दोपहर 2.00 बजे अयोध्या व शाम 6.50 बजे प्रयागराज पहुंचेगी। दूसरी रिंग रेल प्रयागराज से शाम 5.30 बजे चलकर शाम 7.40 बजे बनारस, रात 2.00 बजे अयोध्या तथा सुबह 7.45 बजे प्रयागराज पहुंचेगी। इसके अलावा तीसरी रिंग रेल प्रयागराज से सुबह 6.30 बजे व चौथी शाम 5.45 बजे भी चलेगी।
प्रयाग-अयोध्या-काशी के बीच महाकुंभ के दौरान रिंग रेल की योजना कारगर रही है। इस विशेष ट्रेन के जरिये लाखों श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाने के साथ-साथ अयोध्या में रामलला का दर्शन किया और काशी विश्वनाथ के दरबार में भी माथा टेका। Ring Rail
महाकुंभ के समापन के बाद रिंग रेल का संचालन बंद कर दिया गया
महाकुंभ के समापन के बाद 28 फरवरी को रिंग रेल का संचालन बंद कर दिया गया। रिंग रेल की अपार सफलता के बाद और यात्रियों की मांग देखते हुए इसे आगे पुन: हर दिन संचालन के लिए प्रस्ताव तैयार किया गया है।
इसकी समय सारिणी भी प्रस्तावित की गई है। प्रयागराज से वाया काशी, अयोध्या-प्रयागराज के बीच यह ट्रेन लगभग 12 घंटे में यात्रा पूरी कराती है। इसके अलावा प्रयागराज से झांसी-चित्रकूट-प्रयागराज के बीच भी रिंग रेल का भी प्रस्ताव तैयार है। इसमें प्रयागराज से एक ट्रेन सुबह 6.45 बजे व एक ट्रेन शाम 5.05 बजे चलेगी। बोर्ड से स्वीकृति मिलने के बाद इसका भी संचालन शुरू होगा।
15 लाख से अधिक लोगों ने की थी यात्रा
महाकुंभ के दौरान 415 रिंग रेल का संचालन हुआ था। इससे 15 लाख से अधिक लोगों ने यात्रा की थी। संगम को वैश्विक पर्यटन स्थल और काशी-अयोध्या-प्रयागराज का त्रिकोण बनाने के प्रयास में यह ट्रेन बड़ी भूमिका निभाएगी।
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