BNP NEWS DESK। ranji trophy रणजी ट्राफी की सबसे सफल टीम मुंबई ने आठ वर्षों का सूखा खत्म करते हुए गुरुवार को विदर्भ को 169 रन से हराकर रिकार्ड 42वीं बार रणजी ट्राफी का खिताब जीता। टूर्नामेंट के इतिहास में 90 में से 48वीं बार मुंबई की टीम फाइनल में पहुंची थी। वानखेड़े स्टेडियम पर खेले गए फाइनल का नतीजा लगभग उसी समय तय हो गया था जब विदर्भ को 538 रन का असंभव सा लक्ष्य मिला था। इससे पहले मुंबई ने अंतिम बार रणजी ट्राफी खिताब 2015-16 सत्र में जीता था।
ranji trophy विदर्भ के कप्तान अक्षय वाडकर (102) और हर्ष दुबे (65) ने हालांकि पूरे पहले सत्र में मुंबई के गेंदबाजों को परेशान किया। विदर्भ ने पांच विकेट पर 248 रन से आगे खेलना शुरू किया था और उसे 290 रन और चाहिए थे। विदर्भ की टीम 368 रन पर आउट हो गई। वाडकर ने इस साल पहला शतक जड़ने के साथ ही सत्र में 600 रन का आंकड़ा भी पार किया। वहीं दुबे ने प्रथम श्रेणी करियर में दूसरा अर्धशतक जमाया। दोनों ने 194 मिनट और 255 गेंद तक चली साझेदारी निभाई। दूसरे सत्र का खेल शुरू होने के कुछ देर बाद ही वाडकर को तनुष कोटियान ने आउट किया।
कोटियान ने 95 रन देकर चार विकेट लिए। यह साझेदारी टूटने के बाद विदर्भ की हार पर लगभग मुहर लग गई। तुषार देशपांडे ने शार्ट गेंद पर दुबे को आउट किया। देशपांडे ने ही आदित्य सरवटे को भी पवेलियन भेजा। कोटियान ने यश ठाकुर के रूप में चौथा विकट लिया। वहीं अपने करियर का अंतिम मैच खेल रहे धवन कुलकर्णी ने उमेश यादव का विकेट लेकर विदर्भ की पारी का पटाक्षेप किया। विदर्भ का ये तीसरा फाइनल था। इससे पहले, उसने दो बार फाइनल में जगह बनाई थी और दोनों बार ट्राफी जीती थी।
संक्षिप्त स्कोर
मुंबई : 224 और 418
विदर्भ : 105 और 348
अक्षय वाडकर : 102, करुण नायर : 74
तनुष कोटियन 4/95
किसने कितनी बार जीता खिताब
42, मुंबई
8, कर्नाटक
7, दिल्ली
5, बड़ौदा
4, होल्कर
2, सौराष्ट्र, विदर्भ, बंगाल, तमिलनाडु, राजस्थान, हैदराबाद, महाराष्ट्र, रेलवे
1, यूपी, पंजाब, हरियाणा, गुजरात, नवानगर, मप्र, वेस्टर्न इंडिया
मुंबई को मिलेंगे पांच करोड़ की अतिरिक्त राशि
मुंबई क्रिकेट संघ (एमसीए) ने 42वीं बार रणजी ट्राफी जीतने वाली टीम की पुरस्कार राशि दोगुनी कर दी है जिसका मतलब है की टीम को पांच करोड़ रुपये की अतिरिक्त धनराशि मिलेगी।
एमसीए के सचिव अजिंक्य नाइक ने कहा, एमसीए के अध्यक्ष अमोल काले और शीर्ष परिषद ने रणजी ट्राफी पुरस्कार राशि दोगुनी करने का निर्णय लिया है। मुंबई के लिए यह सत्र शानदार रहा है और उसने सात खिताब जीते। इसके अलावा हमारी टीम बीसीसीआइ के आयु वर्ग की सभी प्रतियोगिताओं के नाकआउट चरण में पहुंची।
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