बीएनपी न्यूज डेस्क। Rahul Gandhi, Enforcement Directorate राहुल गांधी की ईडी के सामने पेशी,नेशनल हेराल्ड केस (National Herald Case) में राहुल गांधी ईडी दफ्तर दुबारा पहुंचे हैं। पोस्ट लंच सेशन में दुबारा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष से ईडी पूछताछ करेगी। सुबह से प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी उनको इनटरोगेट कर रहे थे, इसके बाद लंच के लिए वह बाहर गए थे। लंच के लिए बाहर निकले राहुल गांधी सबसे पहले अपनी मां सोनिया गांधी से मिलने के लिए अस्पताल पहुंचे। यहां उनके साथ बहन प्रियंका गांधी भी थीं। करीब चालीस मिनट के बाद राहुल फिर ईडी दफ्तर पहुंचे। ईडी दफ्तर में पहुंचने पर राहुल गांधी ने एक अफसर से सवाल पूछा कि क्या यहां केवल कांग्रेस के लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया जाता है। दूसरों को भी बुलाते हो क्या? उधर, पूरे देश में कांग्रेस का प्रदर्शन जारी है। दिल्ली में कई प्रदेशों के कार्यकर्ता राहुल गांधी के समर्थन में पहुंचे हैं। ईडी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को 23 जून के लिए समन जारी किया है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी से सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नेशनल हेराल्ड अखबार से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच में पूछताछ की है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सबसे पहले सुबह अकबर रोड स्थित कांग्रेस मुख्यालय से ईडी कार्यालय के लिए रवाना हुए। राहुल के साथ ईडी दफ्तर तक उनकी पार्टी के सांसद, काफी संख्या में समर्थक पहुंचे थे। प्रियंका गांधी एक वाहन में राहुल गांधी के साथ बैठी थीं, जब सात एसयूवी का काफिला सशस्त्र सीआरपीएफ जवानों के साथ एपीजे अब्दुल कलाम रोड स्थित ईडी कार्यालय में दाखिल हुआ।
मध्य दिल्ली में फेडरल एजेंसी के मुख्यालय में सुबह करीब 11.10 बजे राहुल ने एंट्री ली। कुछ घंटों की पूछताछ के बाद ईडी ने दोपहर करीब 2.10 बजे उनको लंच के लिए जाने की अनुमति दी। लंच करने के बाद राहुल गांधी करीब साढ़े तीन बजे पूछताछ के लिए वापस ईडी दफ्तर पहुंचे। आते-जाते समय राहुल गांधी के चेहरे पर थोड़ा सा भी शिकन नहीं था। वह बेफिक्र नजर आए। गांधी ने पहले दौर की पूछताछ के दौरान प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) की धारा 50 के तहत अपना बयान लिखा था।
ईडी कार्यालय की ओर जाने वाली गली को बैरिकेडिंग कर दिया गया था और दिल्ली पुलिस द्वारा सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई थी, जबकि दंगा विरोधी पुलिस आरएएफ और सीआरपीएफ की टुकड़ियों ने अनधिकृत लोगों को प्रवेश करने से रोकने के लिए मोर्चा संभाला था। दरअसल, 51 वर्षीय राहुल गांधी की एसपीजी सुरक्षा 2019 में केंद्र सरकार द्वारा वापस ले ली गई थी। इसके बाद उनको सीआरपीएफ की जेड + श्रेणी सुरक्षा है।
मामले के जांच अधिकारी, ईडी के एक सहायक निदेशक-रैंक के अधिकारी ने यंग इंडियन कंपनी को शामिल करने, नेशनल हेराल्ड के संचालन, कांग्रेस पार्टी द्वारा एजेएल को दिए गए ऋण, मीडिया प्रतिष्ठान के भीतर मनी ट्रांसफर करने के बारे में प्रश्न पूछे हैं। यह जांच पार्टी द्वारा प्रवर्तित यंग इंडियन में कथित वित्तीय अनियमितताओं से संबंधित है, जो नेशनल हेराल्ड अखबार का मालिक है। नेशनल हेराल्ड एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) द्वारा प्रकाशित किया जाता है और यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के स्वामित्व में है। एजेंसी ने जांच के तहत कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं मल्लिकार्जुन खड़गे और पवन बंसल से अप्रैल में पूछताछ की थी।
कांग्रेस पार्टी ने सुबह एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि 1937 में स्थापित एजेएल को भारी कर्ज का सामना करना पड़ा और पार्टी ने 2002-11 के दौरान नेशनल हेराल्ड अखबार को वहां काम करने वाले पत्रकारों और कर्मचारियों के वेतन का भुगतान करने के लिए 90 करोड़ रुपये दिए।
अधिकारियों ने कहा था कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और गांधी परिवार से पूछताछ ईडी की जांच का हिस्सा है, ताकि शेयर होल्डिंग पैटर्न, वित्तीय लेनदेन और यंग इंडियन और एजेएल के प्रमोटरों की भूमिका को समझा जा सके।
ईडी ने हाल ही में पीएमएलए के आपराधिक प्रावधानों के तहत एक नया मामला दर्ज किया था, जब यहां की एक निचली अदालत ने 2013 में बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा दायर एक निजी आपराधिक शिकायत के आधार पर यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ आयकर विभाग की जांच का संज्ञान लिया था।
कांग्रेस पार्टी ने ईडी की कार्रवाई को प्रतिशोध बताया है। इसने आरोपों को फर्जी और निराधार करार दिया है और कहा है कि गांधी परिवार को सम्मन भाजपा की “प्रतिशोध की राजनीति” का हिस्सा था। भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने ईडी कार्यालय के पास मीडिया से कहा है कि कांग्रेस पार्टी मोदी सरकार के इस उत्पीड़न से लड़ेगी। पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने से ठीक पहले उन्होंने कहा कि हम डरे नहीं हैं। मोदी सरकार को शर्म आनी चाहिए कि उसने मध्य दिल्ली को एक किले में बदल दिया है, क्योंकि हमारे नेता अपने समर्थकों के साथ ईडी के पास जा रहे हैं।
सोनिया गांधी और राहुल गांधी यंग इंडियन के प्रमोटरों और शेयरधारकों में से हैं। स्वामी ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य पर धोखाधड़ी और धन का दुरुपयोग करने की साजिश रचने का आरोप लगाया था। यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड ने 90.25 करोड़ रुपये की वसूली का अधिकार प्राप्त करने के लिए केवल 50 लाख रुपये का भुगतान किया था, जो कि एसोसिएट जर्नल्स लिमिटेड ने कांग्रेस को दिया था।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने पिछले साल फरवरी में स्वामी की याचिका पर गांधी परिवार को नोटिस जारी किया था, जिसमें निचली अदालत में इस मामले में सबूत पेश करने की मांग की गई थी। गांधी परिवार ने 50,000 रुपये के निजी मुचलके और एक जमानत के बाद 2015 में अदालत से अलग जमानत हासिल की थी। स्वामी द्वारा दायर इस मामले में अन्य आरोपी गांधी परिवार के करीबी सहयोगी सुमन दुबे और टेक्नोक्रेट सैम पित्रोदा हैं। वे पहले किसी भी गलत काम से इनकार कर चुके हैं।
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