BNP NEWS DESK | Punishment for Asaram कथावाचक बनाने का प्रलोभन देकर अपनी शिष्या (साधिका) से दुष्कर्म करने के मामले में 10 साल बाद सत्र अदालत ने आसाराम उर्फ आसुमल को आजीवन कैद की सजा सुनाई है। जबकि दुष्कर्म पीडि़ता की बहन से दुष्कर्म करने के मामले में आसाराम का पुत्र नारायण सूरत की जेल में पहले से आजीवन कैद की सजा काट रहा है।
Punishment for Asaram गांधीनगर सत्र न्यायालय के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश डी के सोनी ने सूरत की रहने वाली आश्रम की एक साधिका को बंधक बनाकर उसके साथ दुष्कर्म मामले में आसाराम उर्फ आसुमल को सोमवार को दोषी मान लिया था।
2001 से 2006 तक कई बार पीडिता के साथ दुष्कर्म किया गया था। अक्टूबर 2013 में पीडिता ने इसकी शिकायत दर्ज कराई थी, इससे पहले आसाराम को राजस्थान के जोधपुर में एक किशोर साधिका से दुष्कर्म मामले में सितंबर 2013 को गिरफ्तार किया जा चुका था। आसाराम को जोधपुर की जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए आसाराम को गांधीनगर की अदालत में पेश किया गया।
पत्नी,पुत्री व 4 साधक बरी
अदालत ने आसाराम को भारतीय दंड संहिता की धारा 376 2 (सी) (बलात्कार), 377 (अप्राकृतिक यौन संबंध), 342 (अवैध रुप से बंधक बनाने), 354 (महिला की लज्जा भंग करने के इरादे से उस पर हमला), 357 (हमला) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत दोषी ठहराया गया तथा 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। आरोपी आसाराम की पत्नी लक्ष्मीबेन, बेटी और अपराध को बढ़ावा देने के आरोपी चार शिष्यों को बरी कर दिया था। इस मामले में 68 गवाहों के बयान दर्ज किये गये।
उग्र व हिंसक साधक थे बडी चुनौती
सरकारी वकील आर सी कोडेकर ने बताया कि साधिका के बयान इस सजा में सबसे अहम रहे। पीडिता अपने बयानों पर कायम रही तथा धमकी या प्रलोभन से प्रभावित नहीं हुई। आसाराम को पीडि़ता के बयान तथा परििस्थति जन्य साक्षों के आधार पर सजा सुनाई गई। पुलिस अधिकारी दिव्या बताती हैं कि तत्कालीन पुलिस महानिदेशक शिवानंद झा ने एक जांच टीम बनाई थी|
इसमें पुलिस अधिकारी जे के भट्ट, मनोज निनामा आदि शामिल थे। आसाराम के जुनूनी साधक हिंसक हो गये थे इसलिए उसके आश्रमों में जाकर बयान दर्ज करना व अन्य पीडित महिलाओं की तलाश एक चुनौती भरा काम था। 2001 में दुष्कर्म की शिकायत 2013 में दर्ज हुई, अधिकांश सबूत नष्ट हो गये लेकिन मेडिकल सबूत, परिस्थितिजन्य सबूत के आधार पर इसकी जांच की और पीडिता को न्याय मिल सका। पुलिस जांच के लिए सतत सरकारी वकील के संपर्क में रही इससे एक मजबूत आरोप पत्र तैयार हो सका।
The Review
Punishment for Asaram
Punishment for Asaram कथावाचक बनाने का प्रलोभन देकर अपनी शिष्या (साधिका) से दुष्कर्म करने के मामले में 10 साल बाद सत्र अदालत ने आसाराम उर्फ आसुमल को आजीवन कैद की सजा सुनाई है।
Discussion about this post