BNP NEWS DESK। Art Gallery in Kashi भारत कला भवन के सेवानिवृत्त कलाविद छायाकार डॉ. राधाकृष्ण गणेशन द्वारा ललित कला संकाय के कलाकारों एवं छायाकारों की कलाकृतियों के प्रदर्शनार्थ संकट मोचन के निकट स्थित, भोगाबीर में स्थापित एक नवीन कला दीर्घा ‘कला आलयम्’ का शुभउद्घाटन हुआ।
Art Gallery in Kashi इस अवसर पर ‘कला आलयम्’ द्वारा एक ‘त्रिदिवसीय वाटर कलर पेंटिंग कार्याशाला’ भी प्रातः 10:30 बजे आयोजित की गई, जिसमें लगभग 50 से अधिक शहर के विविध कला संकायों के छात्र-छात्राओं ने बड़े उत्साह पूर्वक सहभागिता की। यह कार्यशाला काशी के चित्रकला विशेषज्ञ श्री सन्तोष कुमार शील के मार्गदर्शन में प्रारम्भ हुई, जिसके अंतर्गत उन्होंने चित्रकला एवं जलरंग की विधा की तकनीकी बारीकियों से परिचित कराते हुए प्रशिक्षण प्रारम्भ किया।
अपरान्ह 12 बजे इस नवीन दीर्घा ‘कला आलयम्’ एवं कार्यशाला का उद्घाटन मुख्य अतिथि दृश्य कला संकाय, काहिविवि के पूर्व प्रोफेसर श्री विजय सिंह ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
अपने वक्तव्य में उन्होंने डा. राधाकृष्ण गणेशन की सराहना करते हुए कहा कि इन्होने न केवल विविध कलाओं का समय-समय पर प्रदर्शन किया, अपितु कलाकारों, छायाकारों एवं संगीतकारों को प्रोत्साहित, प्रेरित करने हेतु एक नयी कला दीर्घा की भी स्थापना कर दी।
काशी में ऐसी कला दीर्घा की आवश्यकता
आज काशी में ऐसी ही कला दीर्घा की आवश्यकता थी, जो कला एवं कलाकारों के लिये ही समर्पित हो। कला प्रेमी गणेशन ने कलाकारों के लिए (विशेषकर युवा कलाकारों के लिए) एक सुअवसर प्रदान किया है, जिसका उन्हें लाभ लेना चाहिए। इस अवसर पर काशी के अनेक गणमान्य कलाविद एवं कला के विद्यार्थियों की बड़ी संख्या में उपस्थिति रही।
भारत कला भवन से सेवानिवृत्त हो चुके ‘कला आलयम्’ के संस्थापक कलाविद डॉ. गणेशन ने बताया कि इस कला संस्थान की समाज में स्थापना की पृष्ठभूमि में उनके प्रेरणास्रोत काहिविवि के संस्थापक महामना पं. मदन मोहन मालवीय एवं भारत कला भवन के संस्थापक कलाविद राय कृष्णदास रहे हैं।
अपने कला भवन के अनुभव के आधार पर ही इन्होंने इस दीर्घा एवं उसके उद्देश्य की परिकल्पना की, साथ की उन्होंने बताया कि इस दीर्घा के अंतर्गत बच्चों, युवाओं एवं महिलाओं के रुचि के अनुरूप कला, शिल्प, संगीत, अभिनय विषय से संबंधित प्रशिक्षण, प्रदर्शनी, कार्यशालाएँ आदि भो समम समय आयोजित होती रहेंगी।
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