BNP NEWS DESK। Naga Saints in Kashi भगवान शिव की नगरी में उनके गण पहुंच चुके हैं, साथ ही साधकों का निरंतर पहुंचना जारी है। प्रयागराज से सैकड़ों नागा संन्यासियों के मंगलवार को जपेश्वर मठ बैजनत्था पहुंचने की संभावना है। इसके साथ आसपास जहां कहीं भी जूना अखाड़े से जुड़े साधु-संत, संन्यासी होंगे, रात तक काशी पहुंच जाएंगे।
माघी पूर्णिमा के दिन बुधवार को भव्य शोभायात्रा में श्रीमहंत, सभापति, अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, मंत्री, महामंडलेश्वर, मंडलेश्वर, थानापति, अष्टकौशल महंत जैसे पदाधिकारी घोड़ों-रथों पर और सैकड़ों नागा संन्यासी पैदल शामिल होंगे। इनके साथ अन्य शैव अखाड़ों के साधु-साध्वियां भी सम्मिलित होंगे।
Naga Saints in Kashi सभी श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के जपेश्वर मठ बैजनत्था से निकलकर बाजे-गाजे व अपने-अपने देवताओं, अस्त्रों-शस्त्रों के साथ हनुमान घाट स्थित अखाड़े के मुख्यालय पहुंचेंगे। इसके बाद वहां अपने-अपने श्रेष्ठ संतों-गुरुओं को नमन कर घाटों के किनारे पड़ी छोटी-छोटी छानियों (तंबुओं), मठों, मंदिरों में स्थान लेंगे। फिर तो महाकुंभ का लघु स्वरूप काशी में दृश्यमान होने लगेगा।
प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ से वसंत पंचमी का स्नान कर साधु-संन्यासी, नागा सभी काशी की ओर चल पड़े हैं। कुछ वाहनों से तो कुछ पैदल। रविवार को अखाड़े के रमता पंच के सभापति श्रीमहंत प्रेम गिरि महाराज के नेतृत्व में पंचों का दल यहां पहुंचा था।
सोमवार को अखाड़े के चार मंत्रियों में से दो महंत महेश पुरी व महंत शैलेंद्र गिरि, थानापति रवि भारती महाराज, धीरज गिरि महाराज, मनोज गिरि महाराज, कुश पुरी जी महाराज के नेतृत्व में बड़ी संख्या में नागा साधु-साध्वियां जपेश्वर मठ पहुंचे। वहां से सभी हनुमान घाट गए। गंगा घाटों पर नागा साधु व साध्वियों ने धूनी रमाई। देर शाम तक काशी पहुंचे दिगंबर नागा साधु गंगा में स्नान कर भस्म शृंगार करते रहे। उनके दर्शन के लिए घाटों पर उनके देशी-विदेशी भक्तों का समूह भी पहुंच रहा है। Naga Saints in Kashi
जपेश्वर मठ में सजे पदाधिकारियों के आसन
जपेश्वर मठ बैजनत्था में अखाड़े के साधु-संन्यासियों ने अपने आसन, बिस्तर लगा लिए हैं। मालवाहक वाहनों से उनके साजो-सामान उतरते रहे। अखाड़े के देवताओं को भी करीने से स्थान दिया गया है। एक टेंट में सभापति, पंचों व अन्य पदाधिकारियों के बैठने के लिए पीठिकाएं क्रमबद्ध सुसज्जित की गई हैं।
काशी में होगा नए पदाधिकारियों का चुनाव, मिलेगा प्रमाण पत्र
प्रत्येक कुंभ में जूना अखाड़े की व्यवस्था के अनुसार कार्यकारिणी बदल जाती है।काशी में पुन: नए पदाधिकारियों का चुनाव किया जाता है और उन्हें क्षेत्र विशेष या मठों का दायित्व सौंपा जाता है। इसके लिए उन्हें प्रमाण पत्र, मुहर आदि प्रदान किए जाते हैं।
इसी तरह प्रयागराज में नव दीक्षित अखाड़े के संन्यासियों व मंडलेश्वरों, महामंडलेश्वरों को भी यहां प्रमाण पत्र व मुहर प्रदान किए जाएंगे। हालांकि इन कार्यक्रमों की तिथियां अभी तय नहीं है।
लेकिन ज्यादा संभावना है कि शिवरात्रि से होली के मध्य की अवधि में इन कार्यों को पूर्ण कर लिया जाएगा। भगवान शिव के साथ होली खेलने के बाद सभी नागा साधु-संन्यासी अपने-अपने मठों, कंदराओं, पर्वत श्रृंखलाओं की ओर निकल जाएंगे।
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