BNP NEWS DESK। धार्मिक अनुष्ठान के रुप में पूरे संसार में अपनी पहचान पा चुकी रामनगर की रामलीला Ramlila of Ramnagar में हर कोई शामिल होना चाहता है। एक माह तक चलने वाली रामलीला में आरती बड़ा महत्व रखता है। श्रीराम के राज्याभिषेक के सुबह की आरती (भोर की आरती) तो अद्भुत होती हैं।
विश्व प्रसिद्ध ‘रामनगर की रामलीला’ की भोर की आरती में रविवार की सुबह मानो पूरी काशी आरती का हिस्सा बनने के लिए उमड़ पड़ी।लाखों की भीड़ ने जय श्री राम और हर हर महादेव का नारा लगाया तो पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया।
काशी में परंपराओं की रामलीला के कई चरणों में आयोजित होने वाले रामलीला की परंपराओं में से एक भोर की आरती होती है।
यह आरती सूर्योदय के दौरान उग रहे सूर्य के लिए विशेष अनुष्ठान के तौर पर आयोजित की जाती है।
जिसमें समूचा नगर सदियों से इसी तरह उमड़ता रहा है। भोर की आरती में जन सैलाब उमड़ा तो आस्था का रेला गांव गली और मोहल्लों से होता हुआ रामलीला स्थल की ओर पहुंच गया। आरती के लिए घंटा घडि़याल का दौर शुरू हुआ तो आस्था का दूर दूर तक कहीं ओर छोर नजर नहीं आ रहा था।
राजपरिवार के सदस्यों व दरबारियों के साथ पैदल चल कर लीला स्थल अयोध्या मैदान पहुंचे
रामलीला Ramlila of Ramnagar में राज्याभिषेक की आरती रविवार को तड़के लगभग साढ़े पांच बजे आरती के लिए रामनगर दुर्ग से अनंत नारायण सिंह Anant Narayan Singh राजपरिवार के सदस्यों व दरबारियो के साथ पैदल चल कर लीला स्थल अयोध्या मैदान पहुंचे।
करीब 5.39 बजे भगवान भाष्कर ने जैसे ही अपनी आंखें खोलीं और माता कौशल्या ने अयोध्या के सिंहासन पर विराजमान श्रीराम व सीता, लक्ष्मण, भरत, शत्रुध्न तथा श्रीराम के चरणों में नतमस्तक भक्त शिरोमणि हनुमान की आरती उतारी। लाल, सफेद महताबी रोशनी की इस झांकी की अनुपम छटा को उपस्थित विशाल जनसमूह ने अपने मानस पटल पर लंबे समय तक के लिए अंकित किया।
अनंत नारायण सिंह Anant Narayan Singh ने भी खड़े होकर राम राज्याभिषेक की आरती का दर्शन कर परंपरा का बखूबी निर्वहन किया। हर हर महादेव के उदघोष के बीच अनंत नारायण सिंह जहां आरती के बाद हवाखोरी के लिए निकले वहीं श्रीराम को कंधे पर उठाये बजरंग बली व सीता, लक्ष्मण, भरत व शत्रुघ्न भक्तगणों के कंधे पर बैठ बाजार भ्रमण के प्रसंग को संपन्न कराने के लिए लीलास्थल से बलुआघाट स्थित धर्मशाला पहुंचे।
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Ramlila of Ramnagar
विश्व प्रसिद्ध 'रामनगर की रामलीला' की भोर की आरती में रविवार की सुबह मानो पूरी काशी आरती का हिस्सा बनने के लिए उमड़ पड़ी।
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