बीएनपी न्यूज डेस्क। Margaret Alva उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष ने मार्गरेट अल्वा को अपना उम्मीदवार बनाया। रविवार को एनसीपी चीफ शरद पवार ने इस बात की घोषणा की। उपराष्ट्रपति पद के लिए विपक्षी दलों ने राजस्थान की पूर्व राज्यपाल मार्गरेट अल्वा को उम्मीदवार घोषित किया है। एनसीपी चीफ शरद पवार ने दिल्ली में रविवार को विपक्षी दलों की बैठक के बाद उनके नाम की घोषणा की है। 80 साल की अल्वा मूल रूप से कर्नाटक के मैंगलुरु की रहने वाली हैं। उनका मुकाबला एनडीए प्रत्याशी जगदीप धनखड़ से होगा।
विपक्षी दलों ने उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष ने मार्गरेट अल्वा को अपना उम्मीदवार बनाया। रविवार को एनसीपी चीफ शरद पवार ने इस बात की घोषणा की। मूल रूप से कर्नाटक की रहने वाली अल्वा गोवा की राज्यपाल रह चुकी हैं। 80 वर्षीय अल्वा मंगलवार को अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगी, जो छह अगस्त को होने वाले चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने उपराष्ट्रपति पद के लिए पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को अपना उम्मीदवार बनाया है।
17 दलों का सामूहिक फैसला
अल्वा को मैदान में उतारने का फैसला राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार के आवास पर 17 विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक में लिया गया। पवार ने दो घंटे की बैठक के बाद घोषणा करते हुए कहा कि हमने सर्वसम्मति से मार्गरेट अल्वा को उपराष्ट्रपति पद के लिए अपने संयुक्त उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि हमारी सामूहिक सोच है कि अल्वा मंगलवार को उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर नामांकन पत्र दाखिल करेंगी। पवार ने कहा कि कुल 17 दलों ने सर्वसम्मति से अल्वा को मैदान में उतारने का फैसला किया है और तृणमूल कांग्रेस तथा आम आदमी पार्टी के समर्थन से वह कुल 19 पार्टियों की संयुक्त उम्मीदवार होंगी।
ममता बनर्जी से नहीं हो पाया संपर्क
शरद पवार ने कहा कि उन्होंने इस बारे में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से संपर्क करने की कोशिश की। लेकिन वह किसी कांफ्रेंस में बिजी थीं, इसलिए उनसे बात नहीं हो पाई। इसके अलावा शरद पवार ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से भी संपर्क करने की कोशिश की है। एनसीपी चीफ ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने कुछ दिन पहले यशवंत सिन्हा के लिए समर्थन देने की घोषणा की है। वह मार्गरेट अल्वा को भी अपना समर्थन देंगे।
कांग्रेस हाईकमान पर लगाया था टिकट बेचने का आरोप
2008 में विधानसभा चुनाव के दौरान अल्वा ने कांग्रेस हाईकमान पर टिकट बेचने का आरोप लगाया था, जिसके बाद उन्हें कांग्रेस ने महासचिव पद से हटा दिया था। अल्वा उस वक्त महाराष्ट्र, मिजोरम और पंजाब-हरियाणा के प्रभारी थी। हालांकि, गांधी परिवार से नजदीकी रिश्ते होने की वजह से उन्हें उत्तराखंड में राज्यपाल बनाकर भेजा गया था।
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