Bnp news desk। Lalu Yadav जमीन के बदले नौकरी घोटाला मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी ने राउज एवेन्यू कोर्ट को सूचित किया है कि पूर्व केंद्रीय रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के खिलाफ मुकदमा चलाने की केंद्र सरकार से अनुमति मिल गई है। साथ ही सीबीआइ ने विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल को यह भी सूचित किया कि रेलवे के तीन पूर्व अधिकारियों पर केस चलाने को लेकर अब तक मंजूरी नहीं मिली है ।
Lalu Yadav और ऐसी संभावना है कि एक सप्ताह में मंजूरी मिल जाएगी। जांच एजेंसी का बयान नोट करते हुए अदालत ने मामले की सुनवाई 21 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दी।
सीबीआइ ने विगत तीन जुलाई को दायर दूसरे आरोपपत्र में लालू प्रसाद, पत्नी राबड़ी देवी, बेटे व बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, पश्चिम मध्य रेलवे (डब्ल्यूसीआर) के तत्कालीन जीएम, दो सीपीओ सहित 17 लोगों को आरोपित बनाया है।
इस मामले में दूसरे आरोप पत्र में पहली बार तेजस्वी का नाम सामने आया था। तेजस्वी यादव के खिलाफ आरोपपत्र पर मंगलवार को अदालत को संज्ञान लेना था। हालांकि, मामले की सुनवाई टल गई और अब अदालत 21 सितंबर को आरोप पत्र पर संज्ञान लेगी।
यह मामला पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद पर वर्ष 2004 से 2009 के दौरान रेल मंत्री रहते हुए मध्य प्रदेश के जबलपुर में की गई रेलवे की ग्रुप डी भर्तियों से जुड़ा है। लालू प्रसाद समेत अन्य आरोपितों पर अभ्यर्थियों से जमीन लेकर नौकरी देने का सीबीआइ ने आरोप लगाया है।
जांच एजेंसी ने आरोपितों पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रविधानों के अलावा आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी व अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।
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Lalu Yadav जमीन के बदले नौकरी घोटाला मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी ने राउज एवेन्यू कोर्ट को सूचित किया है कि पूर्व केंद्रीय रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के खिलाफ मुकदमा चलाने की केंद्र सरकार से अनुमति मिल गई है
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