BNP NEWS DESK। maha kumbh 2025 पौष पूर्णिमा पर्व का स्नान देर रात से ही शुरू हो गया और अब तक लाखों लोग त्रिवेणी तट पर डुबकी लगा चुके हैं। हर-हर गंगे के स्वर से संगम का विहंगम तट गुंजायमान हो उठा है। इसी के साथ बहुप्रतीक्षित महाकुंभ का शुभारंभ भी हो गया।
यूं तो सोमवार भोर 4:32 से स्नान का शुभ मुहूर्त था मगर देश -देशांतर से आए श्रद्धालु आधी रात से ही स्नान करने लगे थे और यह कम जारी है ।अब तक लाखों लोग स्नान कर चुके हैं और सारे घाट श्रद्धालुओं से भरे हुए हैं। कड़ाके की ठंड में भी तीर्थ यात्रियों का जोश देखते बन रहा है।
maha kumbh 2025 श्रद्धालुओं के नाना रूप और श्रद्धा-आस्था से आह्लादित चेहरे। महाकुंभ के पहले स्नान पौष पूर्णिमा पर सोमवार को संगम पर जनज्वार उमड़ पड़ा। जैसे पूरा भारत एकाकार हो उठा हो। स्नान का क्रम तो रविवार आधी रात से ही शुरू हो गया था, लेकिन सोमवार तड़के 4:32 पर पुण्यकाल शुरू होते ही हर-हर गंगे के उद्घोष से गंगा-यमुना के संगम समेत विभिन्न घाट गूंजने लगे। सूर्यदेव भी श्रद्धालुओं की अगवानी को उतर आए।
रविवार रात जहां कड़क ठंड और कोहरा रहा, वहीं सोमवार सुबह धूप खिल गई। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने हेलीकाप्टर से 20 क्विंटल पुष्प वर्षा कर भक्तों का अभिनंदन किया। घाटों पर श्रद्धालुओं के शीश ही दिखाई पड़ रहे थे। बड़ी संख्या में विदेशी भी शामिल थे। प्रशासन का दावा है कि सायंकाल पांच बजे तक पौने दो करोड़ लोगों ने गंगा व अन्य घाटों पर स्नान कर लिया था।
मकर संक्रांति पर दूसरा स्नान पर्व
यह क्रम रात तक जारी रहा। मंगलवार को मकर संक्रांति पर दूसरा स्नान पर्व है, इसलिए अधिकांश श्रद्धालुओं ने मेला क्षेत्र व नगर में ही डेरा डाल रखा है। लाखों श्रद्धालु रैन बसेरा व साधु-संतों के शिविर में ठहरे हैं।
पौष पूर्णिमा पर स्नान के साथ ही महाकुंभ-2025 का शुभारंभ हो गया। मेला महाशिवरात्रि यानी 26 फरवरी तक चलेगा। पहले स्नान पर्व पर व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन ने हर स्तर पर व्यवस्था की थी। maha kumbh 2025
यात्रियों को चारों दिशाओं से अलग-अलग सड़कों पर मेला क्षेत्र में प्रवेश दिया गया। लोगों को संगम तक पहुंचने के लिए कई किमी तक पैदल चलना पड़ा, लेकिन पुण्य डुबकी लगाकर वे विह्वल हो गए। यह अभीष्ट अनिर्वचनीय थी। यात्री बसों को प्रयागराज से बाहर रोक दिया गया था। बड़ी संख्या में यात्री विमान से भी आए। प्रयागराज सिविल एयरपोर्ट पर सायंकाल तक 24 विमान उतर चुके थे। शहर के आठ रेलवे स्टेशनों पर यात्री ही यात्री दिखाई देते रहे। उन यात्रियों को शटल बसों से महाकुंभ क्षेत्र की सीमा तक पहुंचाया गया।
44 घाटों पर थी स्नान की व्यवस्था
संगम समेत कुल 44 घाटों पर स्नान की व्यवस्था थी। स्नानार्थियों को घाटों पर कुछ ही मिनटों तक ठहरने दिया गया। महाकुंभ में गंगा पर 30 पांटून पुल बनाए गए हैं। उन पर सायंकाल तक सिर ही सिर दिखाई देते रहे।
आने और जाने के लिए अलग-अलग मार्ग निर्धारित थे। अधिकारी-कर्मचारी हर घाट की निगरानी में लगे थे। स्वयंसेवी संस्थाएं भी उनकी मदद में लगी रहीं। भीड़ में कई लोग अपने परिजन से बिछड़ गए, जिन्हें भूले-बिसरे शिविर में रखा गया। माइक से अनाउंस कराकर अपनों को सूचना देते रहे।
दोपहर बाद मोबाइल नेटवर्क भी धड़ाम रहा। कई क्षेत्रों में इससे लोगों को परेशानी हुई। लोग एक-दूसरे से संपर्क तक नहीं कर पा रहे थे। दूरसंचार विभाग के अधिकारी दूसरी सेवा प्रदाताओं एयरटेल, जियो और वोडाफोन-आइडिया के अधिकारियों से संपर्क कर नेटवर्क दुरुस्त कराने में लगे रहे। इन सबके साथ श्रद्धा का आवेग अपनी गति से आगे बढ़ता रहा। अखाड़ों व अन्न क्षेत्र के साथ ही पूरे क्षेत्र में दिनभर भंडारे चलते रहे। देर रात तक स्नान-ध्यान का क्रम जारी रहा। मेलाधिकारी विजय किरन आनंद ने बताया कि श्रद्धालुओं के हर सुविधा का ध्यान रखा गया है। कहीं से किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है। maha kumbh 2025
सवा छह बजे से शुरू होगा प्रथम अमृत स्नान
महाकुंभ मेला का प्रथम अमृत स्नान मंगलवार को प्रात: सवा छह बजे से प्रारंभ होगा। 13 अखाड़ों के संत और श्रद्धालु संगम के पवित्र जल में डुबकी लगाएंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शाही का नाम बदलकर अमृत स्नान कर दिया है। maha kumbh 2025
इससे संत उत्साहित हैं। ध्वज-पताका, बैंडबाजा के साथ अखाड़े स्नान करने जाएंगे। आचार्य महामंडलेश्वर व मंडलेश्वर भव्य रथ पर आसीन होंगे। नागा संत अस्त्र-शस्त्र के साथ संगम में डुबकी लगाएंगे। सर्वप्रथम अखाड़ों के आराध्य और शस्त्रों को स्नान कराया जाएगा।
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