बीएनपी न्यूज डेस्क। Monsoon in India Monsoon in India भारत में मानसून के इस मौसम में पहले लगाए गए अनुमान से अधिक बारिश होने की उम्मीद है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने यह जानकारी दी।
आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘मानसून के इस मौसम में औसत बारिश के दीर्घकालिक अवधि औसत के 103 फीसद रहने की संभावना है।’’ आईएमडी ने अप्रैल में कहा था कि देश में सामान्य वर्षा होगी जो दीर्घकालिक अवधि औसत का 99 प्रतिशत होगी।
वर्तमान मानसून मौसम के लिए अद्यतन दीर्घकालिक अवधि पूर्वानुमान जारी करते हुए महापात्र ने कहा, ‘‘देश के अधिकांश हिस्सों में अच्छी वर्षा होगी।’’ उन्होंने कहा कि मध्य और प्रायद्वीपीय भारत में बारिश के दीर्घकालिक अवधि औसत का 106 फीसद होने की उम्मीद की जा सकती है, जबकि उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में सामान्य से कम बारिश हो सकती है। आईएमडी ने 29 मई को घोषणा की थी कि दक्षिण-पश्चिम मानसून अपने सामान्य निर्धारित समय एक जून से तीन दिन पहले रविवार को केरल पहुंच गया।
मौजूदा ला नीना स्थितियां शुभ संकेत :
मौजूदा ला नीना स्थितियों के अगस्त तक बने रहने की उम्मीद है और यह भारत में मानसूनी बारिश के लिए शुभ संकेत है। ला नीना स्थितियां भूमध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र के ठंडा होने से संदर्भित हैैं। हालांकि, इंडियन ओसियन डाइपोल के नकारात्मक विकास की आशंका के कारण केरल सहित दक्षिण-पश्चिमी प्रायद्वीप में सामान्य से कम वर्षा हो सकती है। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि पश्चिमी हिंद महासागर की सतह का तापमान सामान्य से ठंडा रहेगा।
जून में सामान्य से नीचे रहेगा अधिकतम तापमान :
महापात्र ने कहा कि जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, उत्तराखंड व अरुणाचल प्रदेश को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में जून में अधिकतम तापमान के सामान्य से नीचे रहने की संभावना है।
गुजरात से ओडिशा तक सामान्य से अधिक बारिश :
मानसून के खास जोन में आने वाले गुजरात से ओडिशा तक के राज्य कृषि के लिए बारिश पर निर्भर हैैं। इन राज्यों में सामान्य से अधिक यानी दीर्घकालिक औसत के 106 प्रतिशत बारिश का अनुमान है। महापात्र ने कहा कि मध्य भारत और दक्षिण प्रायद्वीप में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है। पूर्वोत्तर व उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में सामान्य बारिश का अनुमान है।
लगातार चौथे साल इंद्र देव होंगे मेहरबान :
यह लगातार चौथा साल है, जब भारत में मानसून के सामान्य रहने का अनुमान है। इससे पहले वर्ष 2005-08 व वर्ष 2010-13 तक मानसून सामान्य रहा था। महापात्र ने कहा कि सामान्य से कम बारिश का दौर समाप्त होने वाला है और निकट भविष्य में सामान्य मानसून की संभावना बनी रहेगी।
पूर्वानुमान के लिए अपनाई जाती है वैज्ञानिक प्रक्रिया :
केरल में मानसून की शुरुआत की घोषणा में जल्दबाजी के आरोपों से जुड़े सवाल पर महापात्र ने कहा कि मौसम विभाग मानसून के पूर्वानुमान व उसकी प्रगति के आकलन के लिए वैज्ञानिक प्रक्रिया का पालन करता है। केरल के 70 प्रतिशत मौसम केंद्रों ने व्यापक बारिश की सूचना दी है।
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