BNP NEWS DESK। weather in Varanasi पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी का प्रभाव गंगा के मैदानी क्षेत्रों में अपना असर दिखाने लगा है। दिन में भले ही अच्छी धूप के चलते मौसम गुनगुना लग रहा है लेकिन रातें अधिक ठंडी होने से मौसम स्वास्थ्य के लिए घातक बन गया है। रविवार रात न्यूनतम तापमान सामान्य से चार डिग्री सेंटीग्रेड से भी नीचे 6.5 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया था, हालांकि सोमवार को इसमें तनिक सुधार दिखा।
फिर भी पूरे दिन का औसत तापमान मानव शरीर के सामान्य तापमान से 20 डिग्री सेल्सियस से अधिक नीचे चले जाने से गलन हड्डियों तक पहुंच गई। रात में बढ़ी हवा की गति शीतलहर का आभास करा रही थी।
सुबह हल्की धुंध के साथ हुए सूर्योदय के कुछ देर बाद धुंध छंट गई और प्रखर धूप ने मौसम को गुनगुना बना दिया। दोपहर में धूप की तीव्रता बढ़ी फिर भी यह बीते 24 घंटे की अपेक्षा 0.5 डिग्री कम व सामान्य से 0.5 डिग्री अधिक 25 डिग्री सेल्सियस पर रही। न्यूनतम तापमान में बीते 24 घंटे की अपेक्षा 1.2 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हुई और यह 7.6 डिग्री सेल्सियस पर पहुंचा, फिर भी सामान्य से 2.9 डिग्री सेल्सियस कम ही रहा।
सामान्य से नीचे गोता लगा रहे तापमान का प्रभाव दोपहर ढलते ही दिखने लग रहा है और शाम की ओर बढ़ने के साथ ही गलन की तीव्रता बढ़ने लग रही है। रात होते-होते तनिक हवा का साथ मिलते ही यह शीतलहर का आभास कराने लगी है। हड्डियों तक गलन का आभास करा रही ठंड संकेत देती है कि आने वाले दिनों में तापमान में गिरावट का यह क्रम धीरे-धीरे ही सही ऐसे ही जारी रहेगा।
मौसम विज्ञानियों का कहना है कि अभी ऐसे ही हालात तीन-चार दिनों तक बने रहेंगे। वरिष्ठ मौसम विज्ञानी प्रोफेसर एसएन पांडेय का कहना है कि पहाड़ों पर गिर रही बर्फ पश्चिमोत्तरी हवा के साथ ठंड में और वृद्धि कर सकती है। दिन में गरम, रात में बिल्कुल ठंडा, यह मौसम स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है।
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