बीएनपी न्यूज डेस्क। Kashi Vishwanath Temple श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में इस बार सावन में श्रद्धालु संख्या का रिकार्ड तो टूटा ही चढ़ावा भी भरपूर आया। इस एक माह में दर्शन के लिए लगभग एक करोड़ श्रद्धालु आए और मंदिर को पांच करोड़ रुपये की आय हुई। इसमें मनी आर्डर, दान पात्र के साथ ही आनलाइन दान भी शामिल है। खास यह कि इस बार सावन में 40 किलो से ज्यादा चांदी का चढ़ावा मंदिर में आया है तो एक करोड़ से अधिक का सोना भी विश्वनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं ने चढ़ाया।
Kashi Vishwanath Temple प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 13 दिसंबर को मंदिर के नव्य भव्य परिसर का लोकार्पण किया था। इसके बाद से श्रद्धालुओं की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। साल के पहले ही दो दिन ही साढ़े पांच लाख से अधिक श्रद्धालु मंदिर आए थे। इस बार सावन में हर सोमवार आंकड़ा छह से सात लाख का रहा तो हर दिन ढाई से तीन लाख श्रद्धालुओं ने बाबा का दर्शन किया। मंदिर प्रशासन के अनुसार इस तरह आंकड़ा पुराने सभी रिकार्ड तोड़ते हुए एक करोड़ के पार हो गया। मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा के अनुसार सावन में श्रद्धालु सुविधा के लिए लगभग दो करोड रुपये खर्च किए गए।
Kashi Vishwanath Temple विश्वनाथ मंदिर में आस्था का सावन इस बार रिकार्ड आंकड़े भी लेकर आया है। पूर्व में भी सावन में बाबा दरबार में आस्था का सावन उमड़ता रहा है। लेकिन कारिडोर बनने के बाद से ही आस्थावानों का हुजूम बाबा दरबार में उमड़ने लगा है। बाबा दरबार में दर्शन पूजन के लिए आने वालों का अनवरत क्रम सावन माह बीतने के बाद भी बरकरार है। माना जा रहा है कि भक्तों के आने का सिलसिला साल भर रहेगा तो चढ़ावा साल भर में आधा अरब रुपये तक पहुंच सकता है।
बाबा दरबार में मिली सुविधा : श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा के अनुसारइस बार सावन माह में स्थानीय और बाहरी श्रद्धालुओं की सुविधा का भी विशेष ध्यान रखा गया था। इस दौरान टेंट, मैटिंग, पेयजल, ग्रिल, बिजली कूलर सहित अन्य संसाधनों की भी पर्याप्त व्यवस्था की गई थी, ताकि किसी भी श्रद्धालु को किसी प्रकार की असुविधा न होने पाए। इस व्यवस्था को भी करने में मंदिर प्रशासन द्वारा लगभग डेढ़ से दो करोड रुपए खर्च किया गया है।
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Kashi Vishwanath Temple श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में इस बार सावन में श्रद्धालु संख्या का रिकार्ड तो टूटा ही चढ़ावा भी भरपूर आया।
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