BNP NEWS DESK । Vaishakh Purnima वैशाख पूर्णिमा के मौके पर शुक्रवार को सारनाथ स्थित मूलगंध कुटी बौद्ध मंदिर में सैकड़ों बौद्ध अनुयायियों ने भगवान बुद्ध के अस्थि अवशेष का दर्शन किया।
Vaishakh Purnima मंदिर में सुबह विश्व शांति के लिए पूजा की गई। शाम में ढाई हजार दीप जलाए गए, जिनकी रोशनी से बौद्ध मंदिर परिसर जगमग हो उठा। देश ही नहीं, विदेशों से भी पहुंचे बौद्ध अनुयायी अवशेष के दर्शन कर निहाल हुए। मंदिरों में सजावट और बौद्ध भिक्षुओं की मौजूदगी से सारनाथ में चहल-पहल रही।
दीपों की रोशनी से जगमग हो उठा मूलगंध कुटी बौद्ध मंदिर
महाबोधि सोसाइटी आफ इंडिया के संयुक्त सचिव भिक्षु आर सुमित्ता नन्द थेरो के नेतृत्व में हीरा-मोती जड़ित फ्लास्क में रखा बुद्ध अस्थि अवशेष मंदिर के हाल में दर्शन को रखा गया।
थाईलैंड, फ्रांस के साथ महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, बिहार के बोधगया के अलावा यूपी के श्रावस्ती, गाजीपुर, जौनपुर, चंदौली आदि जिलों से बौद्ध अनुयायी एवं स्थानीय बौद्ध मठ के बौद्ध भिक्षुओं ने सुबह साढ़े छह से दोपहर 12 बजे तक बुद्ध अस्थि अवशेष के दर्शन किए। सारनाथ में धम्म चक्र विहार इंटर कालेज से मूलगंध कुटी बौद्ध मंदिर तक बुद्ध चेतना रैली निकाली गई।
ब्रिटिश गवर्नर ने दिया था हीरे-मोतियों से जड़े पात्र में रखा पवित्र अस्थि अवशेष
वर्ष 1931 में तत्कालीन ब्रिटिश गवर्नर ने सोसायटी के संस्थापक अनागरिक धर्मपाल को हीरे-मोतियों से जड़े पात्र में रखा भगवान बुद्ध के पवित्र अस्थि अवशेष को मूलगंध कुटी मंदिर के निर्माण के समय प्रदान किया था।
अनागरिक धर्मपाल ने सारनाथ में वर्ष 1928 से 31 तक में मूलगंध कुटी बौद्ध मंदिर का निर्माण कराया और उस पवित्र अस्थि अवशेष पात्र को मंदिर के तहखाने में रखा गया, जिसका कार्तिक पूर्णिमा पर तीन दिन व वैशाख पूर्णिमा पर एक दिन बुद्ध अस्थि दर्शन कर लोग अपने को धन्य मानते हैं।
The Review
Vaishakh Purnima
Vaishakh Purnima वैशाख पूर्णिमा के मौके पर शुक्रवार को सारनाथ स्थित मूलगंध कुटी बौद्ध मंदिर में सैकड़ों बौद्ध अनुयायियों ने भगवान बुद्ध के अस्थि अवशेष का दर्शन किया।
Discussion about this post